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मनाली के गिमनर का कमाल: 6,080 मीटर ऊंची चोटी से सोलो पैराग्लाइडिंग, बनाया नया रिकॉर्ड

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मनाली के अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पैराग्लाइडिंग ट्रेनर गिमनर ने ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसे सुनकर हर कोई गर्व महसूस करेगा। उन्होंने लाहौल घाटी में स्थित माउंट ईस्ट शिंकुन चोटी से अकेले पैराग्लाइडिंग कर नया रिकॉर्ड बनाया। यह चोटी समुद्र तल से 6,080 मीटर (करीब 19,947 फीट) की ऊंचाई पर है। यहां से उड़ान भरना बेहद मुश्किल और खतरनाक माना जाता है। यह रोमांचक उपलब्धि संस्थान के 217वें एडवांस पर्वतारोहण प्रशिक्षण के दौरान हुई, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से 58 प्रशिक्षु आए थे। गिमनर और उनकी टीम ने पहले इस ऊंची चोटी पर चढ़ाई की, और फिर साथियों का उत्साह बढ़ाने के लिए गिमनर ने अकेले पैराग्लाइडिंग करने का फैसला किया। लगभग 15 मिनट तक वे बर्फ से ढकी हिमालयी चोटियों के बीच उड़ते रहे और फिर 4,200 मीटर ऊंचाई पर स्थित बेस कैंप में सुरक्षित लैंडिंग की। कुल्लू जिले के पिरडी गांव के रहने वाले गिमनर पिछले 9 साल से संस्थान में ट्रेनर हैं। उन्होंने बताया कि इतनी ऊंचाई पर पैराग्लाइडिंग के लिए खास तैयारी करनी पड़ी। 12 दिन तक शिंकुला दर्रे में बने बेस कैंप में अभ्यास किया गया, और मौसम व हवा के दबाव को समझा गया। गिमनर इससे पहले हिमाचल की धौलाधार रेंज के साथ-साथ श्रीलंका, कंबोडिया और नेपाल में भी ऊंची चोटियों से उड़ान भर चुके हैं। अब उनका अगला सपना है— माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर वहां से पैराग्लाइडिंग करना। संस्थान के निदेशक अविनाश नेगी ने कहा कि यह उपलब्धि हिमाचल ही नहीं, पूरे देश के लिए गर्व की बात है। समापन समारोह में गिमनर को विशेष सम्मान दिया गया और सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए

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