हिमाचल सरकार लेगी 1500 करोड़ का नया कर्ज, केंद्र से 42.38 करोड़ की राहत राशि भी मंजूर
शिमला। कर्मचारियों को महंगाई भत्ता जारी न करने को लेकर विपक्ष के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार ने राज्य के विकास कार्यक्रमों के लिए 1500 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए वित्त विभाग ने 1000 करोड़ और 500 करोड़ रुपये की दो अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं।
वित्त सचिव डॉ. अभिषेक जैन की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार 1000 करोड़ रुपये का ऋण 15 वर्ष की अवधि के लिए लेगी। इस पर ब्याज का भुगतान हर साल 28 फरवरी और 28 अगस्त को किया जाएगा और इसका पुनर्भुगतान 28 अगस्त 2040 तक करना होगा। वहीं, दूसरी अधिसूचना के तहत 500 करोड़ रुपये का ऋण 10 वर्ष की अवधि के लिए लिया जाएगा, जिसका भुगतान 28 अगस्त 2035 तक किया जाएगा। दोनों ऋणों पर ब्याज दर का निर्धारण नीलामी के माध्यम से होगा। इनकी नीलामी 26 अगस्त 2025 को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मुंबई कार्यालय में होगी।
सरकार ने इन ऋणों से प्राप्त राशि का उपयोग प्रदेश के विकास कार्यक्रमों में करने की बात कही है। इसके लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 293(3) के तहत केंद्र सरकार की सहमति भी प्राप्त की गई है।
केंद्र से हिमाचल को 42.38 करोड़ की मंजूरी
इसी बीच केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को 42.38 करोड़ रुपये की लंबित देनदारियों को निपटाने की अनुमति भी प्रदान की है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार, यह राशि 2014-15 से 2024-25 के बीच लंबित विभिन्न दावों और क्षतिपूर्ति को निपटाने के लिए दी जा रही है।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2023-24 में आई प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के लिए 32.38 करोड़ रुपये और वर्ष 2024-25 में 10 करोड़ रुपये विशेष राहत के रूप में स्वीकृत किए गए हैं। यह पूरी राशि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 में ही खर्च करनी होगी। समय सीमा 31 अक्तूबर 2025 तय की गई है।
केंद्र से मिली इस स्वीकृति के बाद हिमाचल प्रदेश को आपदाओं से प्रभावित सड़कों और पुलों की मरम्मत तथा रखरखाव के लिए राहत मिलने की उम्मीद है।