हिमाचल के प्रवेश द्वार पर ही पकड़ा जाएगा नशा
टोल बैरियर होंगे हाई-टेक: 15 दिन में शुरू होगा फास्ट टैग सिस्टम
हिमाचल प्रदेश में अब नशे के अवैध कारोबार पर लगाम कसने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। बाहर से आने वाले वाहनों में नशीले पदार्थों की पहचान अब प्रदेश की सीमाओं पर ही हो जाएगी। इसके लिए प्रदेश के सभी टोल बैरियर्स पर अत्याधुनिक स्कैनर सिस्टम लगाए जाएंगे, जिनसे शराब, ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की तत्काल पहचान संभव होगी। यह स्कैनिंग सिस्टम अगले 15 दिनों में पूरी तरह से सक्रिय कर दिया जाएगा। इससे अब वाहनों की गहन जांच प्रवेश द्वार पर ही हो सकेगी और ड्रग्स तस्करों को राज्य में घुसने से पहले ही रोका जा सकेगा। प्रदेश आबकारी विभाग के आयुक्त डॉ. यूनुस ने जानकारी दी कि अवैध शराब और नशे के कारोबार को रोकने के लिए राज्य में बड़ी संख्या में मोबाइल टीमें तैनात की गई हैं, जिनकी अब तक की कार्रवाई में 32,000 लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त की गई है और 200 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में 900 से अधिक इंस्पेक्शन की जा चुकी है और आगे भी छापेमारी जारी रहेगी। डॉ. यूनुस ने कहा कि टोल बैरियर पर QR कोड स्कैनिंग और हाई-टेक ट्रैकिंग के जरिए अब हर आने-जाने वाले वाहन पर नजर रखी जाएगी, जिससे शराब माफिया और ड्रग तस्करों पर तुरंत शिकंजा कसा जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश में अब अवैध शराब का धंधा करने वालों की संपत्तियां भी जब्त की जाएंगी। इस योजना के तहत फास्ट टैग आधारित फायरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा जो संदिग्ध वाहनों की तुरंत पहचान कर सकेगा। इस पूरी मुहिम को टेक्नोलॉजी और इंटेलिजेंस आधारित बनाया गया है ताकि किसी भी सूरत में नशे का सामान प्रदेश में दाखिल न हो सके। इस अहम बैठक में उपायुक्त विनोद सिंह डोगरा भी विशेष रूप से मौजूद रहे।