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सिंघवी की याचिका पर दस्तावेजों की जांच और साक्ष्य के लिए हाईकोर्ट ने तय की समयसारिणी

शिमला। 15/08/2025

high court

शिमला। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनु सिंघवी द्वारा राज्यसभा चुनाव के नतीजों को चुनौती देने वाली याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए नई समयसारिणी तय कर दी है। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने स्पष्ट किया कि साक्ष्य दर्ज करने और दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया तय समय सीमा के भीतर पूरी की जाएगी।

अदालत के आदेश के अनुसार, 26 अगस्त तक दस्तावेजों की स्वीकृति और अस्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद, साक्ष्य दर्ज करने और दस्तावेजों की जांच समाप्त होने के 15 दिनों के भीतर प्रतिवादी हर्ष महाजन अपने गवाहों की सूची और संबंधित शुल्क प्रस्तुत करेंगे। साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मामला 12 सितंबर को अतिरिक्त रजिस्ट्रार न्यायिक के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। न्यायाधीश विपिन चंद्र नेगी की अदालत ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1999 की धारा 86(7) को ध्यान में रखते हुए सुनवाई को यथाशीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने दोनों पक्षों को अनावश्यक विलंब से बचने की हिदायत दी।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्यसभा चुनाव के नतीजे घोषित करते समय लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों का सही तरीके से पालन नहीं किया गया। सिंघवी का कहना है कि चुनाव में वोट डाले जाने के बावजूद रिटर्निंग ऑफिसर ने अधिनियम की धारा 1951 का प्रयोग करने की बजाय चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 75(4) और 81(3) को लागू किया।

इस प्रक्रिया के तहत पर्ची के माध्यम से विजेता तय किया गया, जबकि सिंघवी के अनुसार, कानून के तहत उन्हें ही विजेता घोषित किया जाना चाहिए था। उनका दावा है कि चुनाव परिणाम घोषित करने में कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ।

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों से अपेक्षा जताई कि वे मामले की सुनवाई में अनावश्यक देरी न करें और समयबद्ध तरीके से साक्ष्य और दस्तावेज प्रस्तुत करें, ताकि मामले का निपटारा शीघ्र किया जा सके।

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