न्यायाधीशों को आवास सुविधा उपलब्ध करवाने पर सरकार की लापरवाही पर हाइकोर्ट नाराज
शिमला।19।08।2025
शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने न्यायाधीशों को आवास जैसी बुनियादी सुविधा उपलब्ध करवाने में राज्य सरकार की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधवालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार से बिना निचोड़े कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के शपथपत्र पर आपत्ति जताई और कहा कि सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि हाईकोर्ट को 13 आवास दिए गए हैं, जबकि शपथपत्र में 12 आवासों का ही उल्लेख है और एक आवास लोकायुक्त के पास है। वहीं कर्जन हाउस को अदालत के गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल किए जाने पर भी सवाल उठाए गए। अदालत ने स्पष्ट किया कि सरकार के पास उपयुक्त आवास न होने के कारण इसे इस उद्देश्य के लिए उपयोग करना पड़ा। सरकार की इस दलील को भी खारिज किया गया कि अदालत अपने पास दिए गए आवासों का उपयोग नहीं कर रही। अदालत ने उदाहरण देते हुए कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला के कुलपति को आवास न मिलने के कारण उन्हें हार्विंगटन एस्टेट में रहने की अनुमति देनी पड़ी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार अपने पास उपलब्ध आवासों में से विकल्प प्रस्तुत करे ताकि जरूरत पड़ने पर जज सरकार के आवास चुन सकें। अदालत ने कहा कि आवासों का विशिष्ट विवरण देना अनिवार्य होगा। इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।