गंभीर अपराधों में हिरासत या गिरफ्तारी पर अब सीएम और मंत्रियों को छोड़ना होगा पद
नई दिल्ली |20|08|2025
नई दिल्ली: सरकार ने गंभीर अपराधों में हिरासत या गिरफ्तारी के मामलों में अब मुख्यमंत्री और मंत्रियों की जवाबदेही तय करने का बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में यह प्रस्ताव पेश किया। विधेयक के अनुसार, यदि कोई मंत्री लगातार 30 दिनों तक पद पर रहते हुए गंभीर अपराधों के आरोप में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा। यदि 30 दिनों के भीतर इस्तीफा नहीं दिया गया, तो पद अपने आप रिक्त मान लिया जाएगा।
इस बिल में संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम की धारा 45 में संशोधन करके यह प्रावधान जोड़ा गया है। इसके तहत, गंभीर अपराधों में सजा की अवधि पांच वर्ष या उससे अधिक होने पर भी कोई मंत्री या मुख्यमंत्री अपने पद पर नहीं रह पाएंगे। हालांकि, 30 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री की सलाह लेना जरूरी नहीं होगा।
विधेयक में यह भी स्पष्ट किया गया है कि हिरासत या गिरफ्तारी के बाद मिलने वाली जमानत या रिहाई से किसी पर कोई रोक नहीं होगी। यह कानून राजनीतिक शुचिता, नैतिकता और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है, ताकि जनता के सामने मंत्रियों का चरित्र और आचरण स्पष्ट रहे और उनके पद का दुरुपयोग रोका जा सके।