डॉ. जसविंदर भल्ला का निधन: पंजाबी सिनेमा ने खोया हास्य का अद्वितीय सितारा
पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री को आज गहरा आघात पहुंचा है। मशहूर हास्य कलाकार और अभिनेता डॉ. जसविंदर भल्ला का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे। भल्ला ने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां वह बीते कुछ समय से उपचाराधीन थे।
अंतिम संस्कार
उनकी अंतिम यात्रा 23 अगस्त 2025 को दोपहर 12 बजे मोहाली के बलोंगी श्मशान घाट से निकाली जाएगी, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
फिल्मी सफर
1988 में "छंकार्ता 88" से अपने करियर की शुरुआत करने वाले जसविंदर भल्ला ने पंजाबी फिल्मों में कॉमेडी को नई ऊंचाई दी। महाल ठीक है, कैरी ऑन जट्टा, जट्ट एंड जूलियट, सरदार जी, जिंद जान और कई अन्य हिट फिल्मों में उनकी भूमिकाएं आज भी दर्शकों को याद रहेंगी। उनका ‘एडवोकेट ढिल्लों’ का किरदार पंजाबी सिनेमा में एक कालजयी पहचान बन गया। उनकी कॉमिक टाइमिंग और सामाजिक मुद्दों पर व्यंग्यात्मक अंदाज़ ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया।
पारिवारिक जीवन
डॉ. जसविंदर भल्ला का जन्म 4 मई 1960 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले भल्ला ने शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना से बीएससी और एमएससी करने के बाद मेरठ से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। बाद में वे पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष के पद तक पहुंचे।
उनकी पत्नी परमदीप भल्ला फाइन आर्ट्स की शिक्षिका हैं। बेटा पुखराज भल्ला पंजाबी फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में अभिनेता के रूप में सक्रिय हैं, जबकि बेटी अशप्रीत कौर नॉर्वे में बस गई हैं।
अपूरणीय क्षति
डॉ. भल्ला के निधन से पूरे पंजाबी फिल्म जगत और उनके चाहने वालों में शोक की लहर है। उन्होंने हास्य को केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रखा, बल्कि समाज की सच्चाइयों को हंसी के माध्यम से दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया। उनका जाना पंजाबी सिनेमा ही नहीं, बल्कि पूरे देश के कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।