पालमपुर विधानसभा विकास से भटका, सिविल अस्पताल की दुर्दशा पर भाजपा का हल्ला बोल
पालमपुर/23/08/2025
पालमपुर। भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक कपूर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद पालमपुर विधानसभा क्षेत्र विकास की दृष्टि से पूरी तरह पटरी से उतर गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की लापरवाही और नाकामी के कारण संस्थान जर्जर होते जा रहे हैं।
शहर में भाजपा के दोनों मंडलों द्वारा पालमपुर सिविल अस्पताल की दुर्दशा को लेकर निकाले गए विरोध प्रदर्शन के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए कपूर ने कहा कि पालमपुर का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि पालमपुर सिविल अस्पताल केवल पालमपुर ही नहीं, बल्कि बैजनाथ, जयसिंहपुर और सुलह के कुछ क्षेत्रों के लोगों की भी स्वास्थ्य सेवा का केंद्र है। भाजपा सरकार के समय अस्पताल में पर्याप्त भवन, ऑक्सीजन प्लांट, डायलिसिस सुविधा और विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ-साथ तकनीकी व आवश्यक स्टाफ पूरी क्षमता से काम कर रहा था। लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद यहां डॉक्टरों की कमी, स्वास्थ्य जांच में परेशानी और दवाइयों की कमी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
कपूर ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि सिविल अस्पताल में 34 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 23 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। हाल ही में 7 डॉक्टर एक साथ और 5 डॉक्टर अलग-अलग चले गए, जिनमें ऑर्थो, गायनी और स्किन विशेषज्ञ भी शामिल हैं। इसी तरह अस्पताल में फार्मासिस्ट, मेट्रन, वार्ड सिस्टर, नर्सिंग स्टाफ, ओटीए, ड्राइवर और क्लास-4 कर्मचारियों के दर्जनों पद खाली पड़े हैं। कुल मिलाकर 48 पदों पर स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा शासनकाल में जब एक पद खाली होता था तो मौजूदा विधायक ढोल बजाकर जनता को गुमराह करते थे, लेकिन आज 48 पद खाली होने पर चुप्पी साधे बैठे हैं।
कपूर ने कहा कि यही स्थिति पालमपुर के ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों—मणियाडा, कंडवाड़ी और गोपालपुर—की भी है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के एक साथ चले जाने से गरीब जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि विशेषज्ञ डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तुरंत नहीं भरा गया तो पालमपुर की हर पंचायत रोजाना सिविल अस्पताल के बाहर धरने पर बैठने को मजबूर होगी।