हिमाचल में मकान बनाने के नियम सख्त: अब अनिवार्य होगी भूवैज्ञानिक रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश /26/08/2025
हिमाचल प्रदेश में अब मकान और भवन निर्माण के नियम और भी सख्त होने जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण के लिए पक्की जमीन और जियोलॉजिस्ट (भूवैज्ञानिक) की रिपोर्ट को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट सब-कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, जिसे अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों से मंडी, कुल्लू, ऊना और शिमला जैसे जिलों में प्राकृतिक आपदाओं ने भारी तबाही मचाई है। इस साल ही प्रदेश को करीब 2,347 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बेतरतीब निर्माण और बिना इंजीनियरिंग सलाह के बनाए गए भवनों ने आपदा के खतरे को और बढ़ा दिया है। कई मकान ऐसे बने जिनमें कॉलम की दूरी, सरिया और सीमेंट के इस्तेमाल जैसे तकनीकी पहलुओं का ध्यान नहीं रखा गया।
सरकार ने साफ किया है कि अब नदी-नालों से उचित दूरी पर ही भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी। पहले यह नियम केवल सरकारी भवनों पर लागू था, लेकिन अब आम लोगों को भी इसका पालन करना होगा।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लगेंगे 38 नए बेली ब्रिज
आपदा से प्रभावित इलाकों में कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए केंद्र सरकार ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को 30 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस राशि से विभाग 38 नए बेली ब्रिज खरीदेगा और कई जगहों पर RCC पुलों का निर्माण किया जाएगा।
मंडी, शिमला, कुल्लू, किन्नौर और ऊना जैसे जिलों में ये पुल स्थापित किए जाएंगे। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि इस साल प्राकृतिक आपदा से प्रदेश के 21 पुल ढह चुके हैं। प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत वैकल्पिक मार्ग और पुल तैयार किए जा रहे हैं।
सरकार ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि पुलों की मरम्मत और नए पुल लगाने के काम को प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए जेसीबी और डोज़र जैसी मशीनरी तैनात की गई है। मंत्री ने कहा कि वह स्वयं और विभागीय अधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण कर रहे हैं ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।