मंडी में ऊहल-लंबाडग नदी उफान पर, शानन-बस्सी प्रोजेक्ट का उत्पादन बंद
मंडी/26/08/2025
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मूसलाधार बारिश से ऊहल और लंबाडग नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए। इसके चलते दो प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं—110 मेगावाट क्षमता वाला शानन प्रोजेक्ट और 66 मेगावाट का बस्सी प्रोजेक्ट—पूरी तरह प्रभावित हुए हैं। रविवार देर रात से दोनों प्रोजेक्ट में विद्युत उत्पादन बंद है।
बरोट स्थित रिजर्वायरों में भारी मात्रा में मलबा, लकड़ियां और सिल्ट भर जाने से उत्पादन रोकना पड़ा। सिल्ट का स्तर जहां सामान्यतः 5,000 पीपीएम होता है, वहीं अब यह बढ़कर 40,000 पीपीएम तक पहुंच गया है।
भारी नुकसान का अनुमान
अब तक दोनों परियोजनाओं को करीब 40 लाख मिलियन यूनिट जनरेशन का नुकसान हुआ है, जिसकी कीमत लगभग दो करोड़ रुपये आंकी गई है। अकेले बस्सी प्रोजेक्ट को 45 लाख रुपये, जबकि शानन प्रोजेक्ट को एक करोड़ से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है।
मंगलवार को भी संकट बरकरार
बरोट स्थित रिजर्वायर में सिल्ट का स्तर सामान्य न होने तक शानन प्रोजेक्ट से विद्युत उत्पादन संभव नहीं है। इससे बस्सी प्रोजेक्ट भी प्रभावित है क्योंकि इसकी जल आपूर्ति शानन प्रोजेक्ट पर निर्भर है। मंगलवार को भी बिजली उत्पादन बंद रहने की आशंका जताई जा रही है, जिससे क्षेत्र में बिजली संकट गहरा सकता है।
भूपेंद्र सिंह, एसई शानन प्रोजेक्ट, ने कहा कि “मूसलाधार बारिश से बरोट रिजर्वायर में सिल्ट का स्तर बढ़ जाने के कारण उत्पादन रोकना पड़ा है। पानी की शुद्धता बहाल होने के बाद ही उत्पादन शुरू किया जाएगा।”