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हिमाचल विधानसभा: अब पांच बजे के बाद ही यूट्यूब पर डाले जाएंगे विधायक भाषणों के वीडियो

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शिमला – हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को असंसदीय और आपत्तिजनक शब्दों के मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी पर नेता प्रतिपक्ष को लेकर आपत्तिजनक शब्द प्रयोग करने का आरोप लगाया। इस पर दोनों नेताओं के बीच तीखी नोक-झोंक हुई और मामला इतना बढ़ा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य अपनी-अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। स्थिति को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने सदन की कार्यवाही को तय समय से पहले ही भोजनावकाश तक स्थगित कर दिया।

यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करने के नियम बदले

विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि अब सदन की कार्यवाही का वीडियो पांच बजे के बाद ही यूट्यूब पर डाला जा सकेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पहले की तरह अब सदस्यों को उनके भाषण का गैर-संपादित वीडियो उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।

सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप

हंगामे के बीच विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उद्योगों को लेकर दिए गए जवाब में राजनीतिक बातें कीं, जो विषय से संबंधित नहीं थीं। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता पक्ष बार-बार भाजपा पर हिमाचल को बेचने का आरोप लगाता है, जो गलत है और इसे कार्यवाही का हिस्सा नहीं होना चाहिए।

दूसरी ओर, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने नियम 54 का हवाला देते हुए कहा कि प्रश्न पूछने का तरीका विधानसभा में तय है और वही कार्यवाही का हिस्सा बनेगा। उन्होंने कहा कि विधायकों से विशेष शब्द बोलने का अधिकार नहीं छीना जा सकता और मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि भाजपा पर लगे कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करवाई जाए।

विपिन सिंह परमार ने सत्ता पक्ष पर आसन को निर्देश देने का आरोप लगाते हुए इसे गलत बताया।

अब असंसदीय शब्द नहीं होंगे कार्यवाही का हिस्सा

इस पूरे प्रकरण पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने स्पष्ट किया कि ऐसे शब्द, जो सदन का माहौल खराब करते हैं, कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि सदन को नियमों के अनुरूप ही चलाया जाएगा और इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का सहयोग आवश्यक है।

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