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फिर डायनों से युद्ध हार गए देवता, भगवान इंद्रुनाग ने गुरु के माध्यम से दिया रक्षा का आशीर्वाद

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धर्मशाला– इस बार भी देवता इंद्रुनाग का डायनों से युद्ध हारना चर्चा का विषय रहा। मान्यताओं के अनुसार युद्ध के दौरान डायनें तीन-तीन तीर चलाकर देवता को घायल कर देती हैं। इसी बीच देवता गुरु के माध्यम से क्षेत्र की रक्षा करने का आशीर्वाद देते हैं और शांति स्थापित करने का संदेश भी देते हैं।

मान्यता है कि इस परंपरा से क्षेत्र में भारी बारिश के कारण होने वाली आपदाओं और प्राकृतिक संकटों को टाला जा सकता है। इसी क्रम में इंद्रुनाग देवता मंदिर खनियारा में पांच दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान संपन्न होंगे। इस दौरान देवता की छड़ी यात्रा भी निकाली जाएगी और श्रद्धालुओं को रक्षा का आशीर्वाद दिया जाएगा।

मनिमहेश यात्रा पर जाएंगे इंद्रुनाग देवता

राधाष्टमी पर्व पर इस बार इंद्रुनाग देवता मनिमहेश यात्रा के लिए प्रस्थान करेंगे। यात्रा के दौरान भक्तों की बड़ी संख्या में मौजूदगी रहेगी। श्रद्धालु देवता की पालकी के साथ चलेंगे और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगे।

पांच दिन होगा चंदन व मख़न का लेप

इंद्रुनाग मंदिर समिति के अध्यक्ष विपिन ने बताया कि युद्ध के बाद देवता की छड़ी पर पांच दिन तक चंदन और मख़न का लेप किया जाएगा। इस अवधि में मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होगी और श्रद्धालु इस अवसर पर बड़ी संख्या में दर्शन करने आएंगे।

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

मंगलवार को मंदिर प्रांगण में पूजा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। भक्तों ने देवता के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और क्षेत्र में सुख-शांति की कामना कीडायनो

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