इस बार पड़ेगी कड़ाके की सर्दी! ला-नीना के लौटने से बढ़ेगी ठिठुरन
नई दिल्ली/28/08/2025
नई दिल्ली: इस साल मानसून ने पूरे भारत को जमकर भिगोया। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक हर कोने में बारिश हुई। लेकिन अब मौसम विज्ञानियों की नजर एक और बड़े बदलाव पर है, जो आने वाली सर्दियों को लेकर गंभीर संकेत दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार देश में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ सकती है और इसकी वजह है ला-नीना (La Niña) का सक्रिय होना।
अमेरिका की जलवायु एजेंसी NOAA (नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन) ने भविष्यवाणी की है कि इस साल के अंत तक ला-नीना की वापसी संभव है। सितंबर से नवंबर के बीच इसके विकसित होने की संभावना 53% है, जबकि दिसंबर तक यह आंकड़ा 58% तक पहुंच सकता है। अगर यह चक्र सक्रिय रहा तो इसका असर भारत समेत एशिया के कई हिस्सों में मार्च-अप्रैल तक दिख सकता है।
ला-नीना वास्तव में एक प्राकृतिक मौसम चक्र है, जिसमें प्रशांत महासागर का मध्य हिस्सा सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है। इसका सीधा असर मौसम और वायुमंडलीय दबाव पर पड़ता है। भारत में यह तेज़ मानसून और ज्यादा ठंड लेकर आता है। वहीं, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में यह सूखे का कारण बन सकता है और वैश्विक तापमान को भी कुछ हद तक नीचे गिरा देता है। इसके विपरीत, एल-नीनो के दौरान समुद्र का यही हिस्सा गर्म हो जाता है, जिससे भारत में गर्मी और सूखा बढ़ जाता है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ला-नीना सक्रिय हुआ तो भारत में सर्दियों की शुरुआत पहले हो सकती है और न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे जा सकता है। इस बार ठंड लंबी और ज्यादा तीव्र हो सकती है। एशिया के कई हिस्सों में बर्फबारी बढ़ने की संभावना है, जबकि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अटलांटिक महासागर में तूफानों की संख्या और तीव्रता भी बढ़ सकती है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ला-नीना कमजोर या मध्यम स्तर का रहेगा, लेकिन इसके बावजूद इसके असर को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इसे “ब्लूप्रिंट इफेक्ट” कहा जा रहा है, यानी यह पूरी तरह से भविष्यवाणी नहीं करता लेकिन मौसम के रुझान को स्पष्ट रूप से दिखाता है।
कुल मिलाकर, इस साल भारतवासियों को जल्दी आने वाली और ज्यादा कड़ाके की ठंड के लिए तैयार रहना होगा।