कुल्लू–मंडी रेव पार्टियों में ड्रग्स: हाईकोर्ट ने सरकार को दिया 4 हफ्ते का अल्टीमेटम
शिमला/29/08/2025
शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल्लू और मंडी जिलों में रेव पार्टियों में ड्रग्स के इस्तेमाल को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब न देने पर नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधवालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा शामिल हैं, ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि राज्य सरकार के पास रेव पार्टियों में ड्रग्स के इस्तेमाल से संबंधित कोई ठोस आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है।
पिछली सुनवाई में अदालत ने मंडी और कुल्लू जिलों में रेव पार्टियों से जुड़ी तीन अहम जानकारियों की मांग की थी: कितनी एफआईआर दर्ज की गई, कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनकी उम्र क्या है। इसके अलावा यह भी पूछा गया कि इन पार्टियों के आयोजक कौन हैं, उनकी आय कितनी है और इसे कैसे वितरित किया जा रहा है। अदालत ने यह भी पूछा कि क्या आयोजकों की संपत्ति जब्त या कुर्क की गई है।
हिमालयन पर्यावरण संरक्षण सोसायटी कुल्लू ने अदालत को बताया कि कसोल, जिभी, मनाली और कुल्लू के अन्य हिस्सों में पर्यटन के नाम पर रेव पार्टियां आयोजित की जा रही हैं, जिनमें प्रवेश टिकट 5000 रुपये से लेकर सात लाख रुपये तक हैं और ड्रग्स खुलेआम उपलब्ध हैं। इसके वीडियो भी वेबसाइट पर मौजूद हैं।
राज्य सरकार ने सुनवाई के दौरान बताया कि ड्रग फ्री हिमाचल ऐप और टोल-फ्री नशा निवारण हेल्पलाइन नंबर 1908 जैसी पहल की गई हैं। पुलिस स्टेशन स्तर पर नशा निवारण समितियां भी बनाई गई हैं, जो कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी प्रदान कर पुलिस की मदद करती हैं। इसके बावजूद रेव पार्टियों से जुड़े सवालों का जवाब अभी तक नहीं दिया गया है। अब सरकार को चार सप्ताह का समय दिया गया है।