कालकाजी मंदिर में सेवादार की बेरहमी से हत्या, अब तक 5 आरोपी गिरफ्तार
नई दिल्ली/31/08/2025
दिल्ली के प्रतिष्ठित कालकाजी मंदिर में सेवादार की हत्या के मामले ने राजधानी की कानून व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना तब सामने आई जब बीते दिनों कुछ बदमाशों ने मंदिर परिसर के भीतर ही एक सेवादार की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लोगों को झकझोर कर रख दिया। इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद दिल्ली पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
शुरुआती जांच में पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया था, लेकिन शनिवार शाम तक दो और आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया। पूछताछ के आधार पर देर रात दो अन्य आरोपियों – नितिन पांडे (26 वर्ष) और उसके पिता अनिल कुमार (55 वर्ष) को भी गिरफ्तार किया गया। नितिन पर जहां हत्या में सीधा संलिप्त होने का आरोप है, वहीं उसके पिता को आरोपी को शरण देने और पुलिस से बचाने के आरोप में पकड़ा गया है। इस पूरे मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों की पहचान मोहन उर्फ भूरा, कुलदीप बिधूड़ी और अतुल पांडे के रूप में हुई है।
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने अभी तक इस हत्या के पीछे की असली वजह को सार्वजनिक नहीं किया है और लगातार आरोपियों से पूछताछ जारी है। इस घटना के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर राज्य पुलिस और प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और नेता सौरभ भारद्वाज ने इस नृशंस हत्या को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में आम आदमी असुरक्षित महसूस कर रहा है और अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
वहीं, आप नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखते हुए राजधानी में बढ़ते अपराध पर चिंता जताई है और यहां तक कह डाला कि यदि मुख्यमंत्री जनता की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकतीं, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। गौरतलब है कि कालकाजी मंदिर में इससे पहले भी एक बड़ा हादसा हो चुका है, जब 26 जनवरी 2024 को जागरण कार्यक्रम के दौरान भीड़ के दबाव में स्टेज गिर गया था, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु घायल हो गए थे। ऐसे में बार-बार मंदिर परिसर में हो रही गंभीर घटनाएं न सिर्फ दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाती हैं, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा करती हैं।