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आपदा की घड़ी में भी व्यावसायिक शिक्षक वेतन से वंचित

शिमला/02/09/2025

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हिमाचल प्रदेश। राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को पिछले दो महीनों (जुलाई व अगस्त) का वेतन अब तक नहीं मिला है। आईसीएसएस कंपनी द्वारा भुगतान न होने से हजारों शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इसके अलावा पिछले एक वर्ष से उनका भविष्य निधि (PF) भी नियमित रूप से जमा नहीं किया जा रहा है, जिससे उनकी पेंशन और सामाजिक सुरक्षा पर भी असर पड़ रहा है।

संघ ने बताया कि सिक्योरिटी विषय पढ़ाने वाले अधिकांश व्यावसायिक शिक्षक पहले भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं और अब देशभक्ति की भावना से बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। ऐसे में उनका समय पर वेतन न मिलना न केवल उनके परिवार के जीवन को कठिन बना रहा है बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि इस संबंध में कई बार आपत्तियां दर्ज कराई गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। संघ ने कहा कि जल्द ही प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री और एसपीडी राजेश शर्मा से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाएगा और मांग करेगा कि ऐसी कंपनियों को तुरंत बाहर किया जाए जो शिक्षकों का शोषण कर रही हैं।

संघ की प्रमुख मांग है कि कंपनियों को सख्त निर्देश दिए जाएं कि वे एमओयू में तय तिथि (हर महीने की 7 तारीख) तक वेतन का भुगतान अनिवार्य रूप से करें। इसके साथ ही शिक्षकों को कंपनियों की मनमानी से मुक्त कर सीधे शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाए।

संघ ने यह भी दोहराया कि जिन व्यावसायिक शिक्षकों ने 10 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए। संघ ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, व्यावसायिक शिक्षक अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

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