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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र से प्रबोध सक्सेना के सेवा विस्तार की सिफारिश की थी

शिमला/06/09/2025

high court

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को दिए गए सेवा विस्तार के मामले में हाईकोर्ट में शनिवार को अहम सुनवाई हुई। प्रदेश सरकार ने इस दौरान सील बंद लिफाफे में पूरा रिकॉर्ड अदालत के समक्ष पेश किया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से मुख्य सचिव को सार्वजनिक हित में चल रही महत्वपूर्ण योजनाओं और परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक साल का सेवा विस्तार मांगा था। इस सिफारिश के आधार पर सक्षम प्राधिकारी ने नियमों के अनुरूप उन्हें छह महीने का सेवा विस्तार दिया।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट को बताया कि अखिल भारतीय सेवा नियमावली 1958 की धारा 16(1) के अनुसार सेवा विस्तार दिया गया है और इसकी अधिकतम अवधि छह महीने तक ही हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे अधिक अवधि का विस्तार नियमों में संभव नहीं है।

कोर्ट ने इस मामले में पेश रिकॉर्ड को सील कर रजिस्ट्रार जनरल की निगरानी में सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं। साथ ही, अदालत ने अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए प्रदेश सरकार पर लगाए गए 5 लाख रुपये के जुर्माने को आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए रजिस्ट्रार (अकाउंट्स) के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया।

इसके अलावा, हाईकोर्ट ने प्रदेश में आपदा पीड़ितों की मदद के लिए राहत कोष बनाने का निर्णय लिया है। इस कोष में न्यायाधीश, अदालत कर्मचारी, वकील और जिला न्यायपालिका के सदस्य स्वेच्छा से योगदान देंगे। राहत सामग्री और धनराशि को प्रभावित क्षेत्रों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से वितरित किया जाएगा।

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