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विमल नेगी डेथ केस: IAS हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत

शिमला/08/09/2025

high court

शिमला। हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में एक बार फिर बड़ा अपडेट सामने आया है। इस केस में आरोपी बनाए गए निगम के पूर्व एमडी और आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत की अवधि बढ़ा दी गई है। अदालत ने उन्हें अब 26 सितंबर 2025 तक राहत प्रदान की है।

सुप्रीम कोर्ट से निदेशक देशराज को भी राहत

इस मामले के दूसरे आरोपी, पावर कारपोरेशन के निदेशक देशराज को भी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम संरक्षण मिला हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 25 सितंबर तक राहत प्रदान की है।

कैसे सामने आया मामला?

मार्च 2025 में पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी अचानक 10 मार्च से लापता हो गए थे। कई दिनों की तलाश के बाद उनका शव बिलासपुर जिला में स्थित गोबिंद सागर झील से बरामद हुआ। इस घटना ने प्रदेश भर में सनसनी फैला दी थी।

विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा, निदेशक देशराज और अन्य अधिकारियों पर उनके पति को मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाया था। उनकी शिकायत पर न्यू शिमला पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की गई।

सीबीआई को सौंपी गई जांच

मामले की गंभीरता को देखते हुए हिमाचल हाईकोर्ट ने इसे सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए। इसके बाद से जांच की जिम्मेदारी सीबीआई के पास है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे। एजेंसी ने रिपोर्ट अदालत में पेश की और इसकी कॉपी शिकायतकर्ता तथा आरोपी पक्ष को भी सौंपी गई।

हरिकेश मीणा को मिली अंतरिम राहत

इस दौरान आईएएस हरिकेश मीणा ने हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग करते हुए आवेदन दायर किया था। 7 अप्रैल को सुनवाई के दौरान अदालत ने उन्हें अंतरिम राहत प्रदान की थी और सीबीआई को आदेश दिया था कि जांच पूरी होने तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। अब हाईकोर्ट ने इस राहत की अवधि बढ़ाकर 26 सितंबर कर दी है।

क्यों अहम है यह मामला?

विमल नेगी की मौत को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। उनकी पत्नी और परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, मामले में आरोपी अधिकारियों को अदालत से बार-बार राहत मिल रही है। यह केस न केवल प्रशासनिक हलकों में बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

कुल मिलाकर, हाईकोर्ट के ताजा आदेश से यह साफ है कि मामले की दिशा और तस्वीर अगले कुछ हफ्तों में और स्पष्ट होगी। सीबीआई जांच की रिपोर्ट और आगे की सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।

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