चम्बा में नदी में बहकर आई लकड़ी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच, समिति ने दी रिपोर्ट
चम्बा/11/09/2025
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश (रिट पिटीशन संख्या 845/2025) के तहत हिमाचल प्रदेश सरकार ने चम्बा जिले की नदी में बहकर आने वाली लकड़ी की घटनाओं की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। इस समिति की अध्यक्षता राकेश कुमार, ए.एफ. चम्बा ने की, जिसमें वन विभाग, नगर परिषद चम्बा, पंचायत प्रतिनिधियों और मीडिया प्रतिनिधियों को शामिल किया गया।
समिति की जांच में पाया गया कि नदी में बहकर आई लकड़ी का मुख्य कारण केवल प्राकृतिक आपदा है। अगस्त और सितंबर 2025 के दौरान सामान्य से 89% और 138% अधिक वर्षा हुई, जिससे कई क्षेत्रों में भूस्खलन, पेड़ों का गिरना और नदी तटों का कटाव हुआ। यही लकड़ियाँ नदियों में बहकर पहुँचीं। समिति ने साफ किया कि इसमें अवैध कटान जैसी कोई गतिविधि सामने नहीं आई है।
शीतला पुल के समीप कुल 177 कुण्ड (174.31 घन मीटर) लकड़ी बरामद की गई। इसमें देवदार, केल, फर, शिलिंग, कुथर और पॉपलर जैसी प्रजातियां शामिल थीं। समिति ने स्पष्ट किया कि ये लकड़ी प्राकृतिक कारणों से नदी में आई है और इसका कोई संबंध अवैध कटान से नहीं है।
प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सतर्कता बरतनी होगी। चम्बा जैसे संवेदनशील इलाकों में असामान्य वर्षा, भूस्खलन और भौगोलिक नाजुकता के कारण लकड़ी बहकर नदियों में आने की संभावना बनी रहती है।
वन विभाग ने कहा है कि लकड़ी की निकासी पर सख्त निगरानी रखी जाएगी और पारदर्शी प्रणाली के तहत कार्रवाई होगी। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन पर विश्वास बनाए रखें।