एनएच-105 फोरलेन में देरी पर हिमाचल हाईकोर्ट सख्त, NHAI से पूछा – अब तक क्या किया?
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने माजरीहट्टा से नालागढ़ चौक तक बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-105 (NH-105) के फोरलेन और चौड़ीकरण कार्य में हो रही देरी को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और राज्य सरकार दोनों से स्थिति रिपोर्ट तलब की है।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने NHAI और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया कि जनता से जुड़े इस महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। अदालत ने दोनों पक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे 14 अक्तूबर 2025 तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करें।
NHAI को पूछे गए अहम सवाल:
यह परियोजना NHAI ने कब अपने हाथ में ली?
अब तक कितने ठेकेदारों को इस कार्य में लगाया गया?
वर्तमान तक कार्य की प्रगति क्या है?
देरी के मुख्य कारण क्या हैं?
अब तक कितनी राशि जारी की गई और कुल ठेके का मूल्य क्या है?
इस परियोजना के पूरा होने की अनुमानित तारीख क्या है?
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत और पारदर्शी जानकारी कोर्ट को दी जाए ताकि मामले की गंभीरता को समझा जा सके और देरी के पीछे की वास्तविक स्थिति सामने आ सके।
सार्वजनिक हित को देखते हुए उठाया गया कदम
यह मामला इसलिए भी अहम है क्योंकि NH-105 फोरलेन प्रोजेक्ट क्षेत्रीय आवागमन, व्यापार और औद्योगिक विकास के लिए बेहद जरूरी है। लगातार देरी से स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हाईकोर्ट का यह हस्तक्षेप ना सिर्फ जवाबदेही तय करने की दिशा में कदम है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि न्यायपालिका अब बुनियादी ढांचे की सुस्त रफ्तार को हल्के में नहीं लेगी।