भारत समेत कई देशों ने अमेरिका के लिए डाक सेवाएं रोकीं
ट्रम्प सरकार के टैरिफ विवाद को माना बड़ी वजह
नई दिल्ली: भारत सहित कई यूरोपीय देशों ने अमेरिका के लिए डाक सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। इटली, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड और ऑस्ट्रिया समेत कई देशों ने भी यह कदम उठाया है।
डाक सेवाएं रोकने की मुख्य वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के नए टैरिफ नियम हैं। दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने 30 जुलाई को आदेश जारी कर 800 डॉलर (करीब 70 हजार रुपये) तक के सामान पर मिलने वाली ड्यूटी-फ्री छूट को समाप्त कर दिया। यह छूट 29 अगस्त 2025 से खत्म हो जाएगी। इसके बाद अमेरिका जाने वाले सभी डाक सामानों पर कस्टम ड्यूटी अनिवार्य होगी।
भारत में 25 अगस्त से बुकिंग सस्पेंड
भारतीय डाक विभाग ने 25 अगस्त से अमेरिका के लिए अधिकतर डाक सामानों की बुकिंग अस्थायी रूप से सस्पेंड करने का निर्णय लिया है। अभी केवल लेटर, डॉक्यूमेंट्स और 100 डॉलर (करीब 8,700 रुपये) तक की कीमत वाले गिफ्ट आइटम ही भेजे जा सकेंगे। इन पर ड्यूटी-फ्री छूट जारी रहेगी।
अन्य देशों ने भी लगाई रोक
इटली: 23 अगस्त से निजी और व्यावसायिक ग्राहकों के लिए पार्सल सेवा रोक दी।
ब्रिटेन: रॉयल मेल सर्विस ने अमेरिका जाने वाले सभी पैकेज रोक दिए और 100 डॉलर से अधिक कीमत के सामान पर 10% अतिरिक्त शुल्क भी लगाने का नियम लागू किया।
फ्रांस और नीदरलैंड: नए टैरिफ की वसूली की प्रक्रिया स्पष्ट न होने की वजह से सेवाएं रोक दी गईं।
ऑस्ट्रिया: पिछले हफ्ते तक कॉमर्शियल शिपमेंट स्वीकार करने के बाद सेवाएं स्थगित कर दीं।
ग्राहकों को असुविधा पर खेद
डाक विभाग ने जिन ग्राहकों ने पहले से बुकिंग कर रखी है, उन्हें भुगतान वापसी की सुविधा देने की घोषणा की है। साथ ही भरोसा दिलाया है कि सेवाएं जल्द बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
कब तक रहेगी रोक?
यह रोक अस्थायी है। फिलहाल यह तय नहीं है कि यह कब तक चलेगी। जैसे ही अमेरिका से स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलेंगे, डाक सेवाओं को फिर से शुरू करने की कोशिश की जाएगी।