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भारत ने नहीं तोड़ा कोई नियम, न उठाया फायदा

रूसी तेल की खरीद पर अमेरिका को जवाब

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भारत ने रूसी तेल की खरीद पर अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों पर करारा जवाब दिया है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत ने कोई नियम नहीं तोड़ा है और न ही इस खरीद से कोई अनुचित फायदा उठाया है। यह जवाब अमेरिका द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने और यह कहने के बाद आया है कि रूस से तेल खरीदने का फायदा भारत के कुछ अमीरों को मिल रहा है।

अमेरिका द्वारा लगातार निशाना बनाए जाने के बावजूद, भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर स्थिति स्पष्ट की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी बेतुके तर्क देकर भारत पर मुनाफाखोरी तक के आरोप लगा चुके हैं। अब केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अमेरिका को सख्त संदेश दिया है। पुरी ने कहा है कि भारत ने रूसी तेल खरीदने में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है, बल्कि यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत का ऊर्जा व्यापार वैश्विक बाजारों को स्थिर करने और कीमतों को काबू में रखने में मदद की है।

पुरी ने व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो की हालिया टिप्पणी पर जवाब देते हुए यह बातें कहीं। नवारो ने हाल ही में यह बयान दिए हैं कि भारत रूस की आर्थिक मदद कर पुतिन की 'युद्ध मशीन' को वित्तपोषित कर रहा है। नवारो ने बीते दिनों दूसरे कुछ बयानों में भी इस तरह की बात कही है। पिछले सप्ताह उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को 'मोदी का युद्ध' तक बता दिया था। वहीं सोमवार को उन्होंने कहा है कि रूस से तेल खरीदने का फायदा भारत के ब्राह्मणों को हो रहा है।

भारत का जवाब इस पर जवाब देते हुए, केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि भारत लंबे समय से और फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से बहुत पहले से पेट्रोलियम उत्पादों का दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक रहा है। इसके निर्यात की मात्रा और मुनाफे मोटे तौर पर समान रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने नवारो का नाम लिए बिना लिखा कि कुछ आलोचकों का आरोप है कि भारत रूसी तेल को खरीद कर 'युद्ध मशीन' को वित्तपोषित कर रहा है। यह पूरी तरह से गलत और असत्य है! भारत ने तोड़े कोई नियम नहीं

पुरी ने अमेरिका को संदेश देते हुए कहा कि ईरान या वेनेजुएला के कच्चे तेल की तरह रूसी तेल खरीद पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा, "रूसी तेल G-7 और यूरोपीय संघ की मूल्य सीमा प्रणाली के अंतर्गत आता है जिसे तेल की आपूर्ति जारी रखने और राजस्व की सीमा निर्धारित करते हुए तैयार किया गया है।" केंद्रीय मंत्री ने कहा, "ऐसे 'पैकेज' के 18 दौर हो चुके हैं और भारत ने हर एक का पालन किया है। भारत द्वारा किया गया हर लेन-देन कानूनी है। हर लेन-देन में वैध निर्यात एवं बीमा, अनुपालन करने वाले व्यापारी और 'ऑडिट' माध्यमों का इस्तेमाल किया गया है। भारत ने कोई नियम नहीं तोड़े हैं। भारत बाजारों को स्थिर किया है और वैश्विक कीमतों को बढ़ने से रोका है।"

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