इस देश से भिड़ने की तैयारी में चीन, समुद्र में भेजे 14 जहाज और घातक ड्रोन; हाई अलर्ट पर सेना
नेशनल डेस्क |22|08|2025
दक्षिण चीन सागर एक बार फिर तनाव का केंद्र बन गया है। चीन ने यहां अपनी सैन्य गतिविधियाँ तेज करते हुए 14 जहाज, तटरक्षक पोत, मिलिशिया नौकाएँ और घातक ड्रोन भेज दिए हैं। चीन की इस आक्रामक तैनाती से पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल बन गया है। फिलीपींस ने तुरंत अपनी सेना और नौसेना को हाई अलर्ट पर रख दिया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
सेकंड थॉमस शोल, जो इस विवाद का मुख्य केंद्र है, फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में आता है। यह पलावन प्रांत से लगभग 105 नॉटिकल मील पश्चिम में स्थित एक प्रवाल भित्ति है। फिलीपींस इस क्षेत्र को अपने अधिकार क्षेत्र का हिस्सा मानता है, जबकि चीन इसे अपनी "नाइन-डैश लाइन" में शामिल बताकर दावा करता है। यही कारण है कि यहां अक्सर दोनों देशों के जहाज आमने-सामने हो जाते हैं।
फिलीपींस सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल राय ट्रिनिदाद ने स्पष्ट किया है कि चीन की तैनाती किसी आकस्मिक घटना का नतीजा नहीं बल्कि एक योजनाबद्ध रणनीति है। उन्होंने कहा कि चीनी जहाज न केवल निगरानी कर रहे हैं बल्कि पानी में बैरिकेड्स और जाल लगाकर फिलीपींस के जहाजों की आवाजाही को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। यह सीधे-सीधे फिलीपींस की संप्रभुता और क्षेत्रीय अधिकारों का उल्लंघन है।
पिछले कुछ महीनों में यह विवाद और ज्यादा बढ़ गया है। 11 अगस्त को स्कारबोरो शोल के पास फिलीपींस और चीन के जहाज आपस में भिड़ गए थे। इससे पहले जून 2024 में सेकंड थॉमस शोल पर हुई झड़प में फिलीपींस नौसेना के कुछ जवान घायल हुए थे। बार-बार की ऐसी घटनाओं से दोनों देशों के बीच अविश्वास गहराता जा रहा है और स्थिति टकराव की ओर बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चीन की इन हरकतों की आलोचना हो रही है। अमेरिका और पश्चिमी देशों ने चीन की गतिविधियों को खतरनाक बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून का उल्लंघन करार दिया है। 2016 में संयुक्त राष्ट्र की समुद्री कानून संधि (UNCLOS) के तहत अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भी चीन के दावों को खारिज कर दिया था, लेकिन चीन ने उस फैसले को मानने से साफ इंकार कर दिया।
इस पूरे विवाद से साफ है कि दक्षिण चीन सागर का संकट केवल फिलीपींस और चीन तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। चीन की लगातार बढ़ती सैन्य मौजूदगी और फिलीपींस की कड़ी प्रतिक्रिया से हालात किसी भी वक्त बड़े संघर्ष का रूप ले सकते हैं।