गुड़िया रेप-मर्डर केस: दोषी नीलू की अपील पर हाईकोर्ट का आदेश
शिमला/11/09/2025
शिमला। हिमाचल प्रदेश को झकझोर देने वाले गुड़िया रेप एंड मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषी नीलू चरानी की अपील पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। अदालत ने गृह सचिव के माध्यम से राज्य सरकार को इस मामले में प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई तक नीलू का हिरासत प्रमाणपत्र पेश करे। अब इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 अक्टूबर तय की गई है। यह सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधवालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की विशेष खंडपीठ कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
यह दिल दहला देने वाला अपराध 4 जुलाई 2017 को ऊपरी शिमला के कोटखाई क्षेत्र के दांदी जंगल में हुआ था। दसवीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। दो दिन बाद यानी 6 जुलाई 2017 को छात्रा का निर्वस्त्र शव जंगल में बरामद हुआ। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में आक्रोश की लहर दौड़ गई और तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
जांच के दौरान विवाद
एसआईटी ने इस मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन हिरासत के दौरान एक आरोपी सूरज नेपाली की मौत हो गई। इस कस्टोडियल डेथ ने जनभावनाओं को और भड़का दिया और सरकार की भूमिका पर सवाल उठे। मामला बाद में सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई की जांच में राज्य पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी निर्दोष पाए गए। वहीं सूरज की मौत के मामले में SIT के कई अफसरों पर कार्रवाई हुई और आईजी जहूर जैदी तथा डीएसपी मनोज जोशी सहित अन्य अधिकारियों को सजा सुनाई गई।
असली गुनहगार तक पहुंची सीबीआई
सीबीआई ने साइंटिफिक सबूतों के आधार पर असली गुनहगार को पकड़ा। 13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने अनिल कुमार उर्फ नीलू चरानी को गिरफ्तार किया। सीबीआई की चार्जशीट में साफ हुआ कि नीलू ने छात्रा से दुष्कर्म किया और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। शिमला की अदालत ने लंबे ट्रायल के बाद 18 जून 2021 को नीलू चरानी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
अब नीलू ने इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की है, जिस पर सुनवाई जारी है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि अगली तारीख तक राज्य सरकार को इस मामले में पक्षकार बनना होगा और सभी जरूरी दस्तावेज अदालत में पेश करने होंगे।