बालों को रंगना पड़ सकता है भारी, हेयर डाई से कैंसर का बढ़ सकता है खतरा
आजकल लोग फैशन और लुक्स के लिए हेयर कलर या हेयर डाई का इस्तेमाल बड़े स्तर पर करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है? अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहने वाले हेयरड्रेसर हेक्टर कोर्वेरा ने हाल ही में लोरेअल समेत 10 कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। हेक्टर का दावा है कि लगातार हेयर कलर और डाई के संपर्क में रहने की वजह से उन्हें ब्लैडर कैंसर हो गया। उन्होंने अदालत में कहा कि इन प्रोडक्ट्स में मौजूद खतरनाक केमिकल्स कैंसर का कारण बन सकते हैं।
डॉक्टर्स भी इस मामले को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। धर्मशिला नारायण हॉस्पिटल, दिल्ली के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी हेड डॉ. शुभम गर्ग के अनुसार हेयर डाई और कलर में फिनोल एमीन और फॉर्मेल्डिहाइड जैसे केमिकल पाए जाते हैं। ये केमिकल न तो प्राकृतिक हैं और न ही शरीर के लिए सुरक्षित। रिसर्च में पाया गया है कि इनके ज्यादा इस्तेमाल से ब्लड कैंसर (लिम्फोमा, ल्यूकेमिया), ब्लैडर कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि जब लोग बालों पर हेयर डाई लगाते हैं, तो स्किन और सांस के जरिए ये केमिकल शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और खून तक पहुंच जाते हैं। लंबे समय तक इनके संपर्क में रहने वाले लोग, जैसे हेयरड्रेसर और सैलून वर्कर्स, ज्यादा खतरे में रहते हैं क्योंकि वे बार-बार इन फ्यूम्स को सांस के जरिए अंदर लेते हैं और हाथों पर भी केमिकल लगते रहते हैं।
डॉक्टरों ने इससे बचाव के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बताई हैं। सबसे पहले केमिकल-फ्री या नेचुरल हेयर कलर का इस्तेमाल करें, जैसे कि मेहंदी। हेयर कलर का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करना जरूरी है ताकि एलर्जी की पहचान हो सके। कलर लगाते समय हमेशा ग्लव्स पहनें, मास्क लगाएं और वेंटिलेशन वाले कमरे का चुनाव करें। कलर को बहुत लंबे समय तक बालों पर न छोड़ें।
अगर आप भी नियमित रूप से हेयर कलर का इस्तेमाल करते हैं या हेयरड्रेसिंग का काम करते हैं तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार इन सावधानियों का पालन करना बेहद जरूरी है। वरना यह फैशन आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।