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आईएसबीटी शिमला की पार्किंग फ्लोर में खुले अस्पताल की होगी जांच – उपमुख्यमंत्री

mukesh aghnihotri

शिमला। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र 2025 के दौरान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आईएसबीटी शिमला की पार्किंग फ्लोर में खुले अस्पताल की जांच की जाएगी।

बिना मंजूरी चला अस्पताल

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यह बस अड्डा पूर्व सरकार के समय बना था। निदेशक मंडल ने अस्पताल के लिए यह स्थान इस शर्त पर दिया था कि ठेकेदार नियामक प्राधिकरण से आवश्यक मंजूरियां लेगा और सभी करों का भुगतान करेगा। लेकिन, न तो मंजूरियां ली गईं और न ही कर अदा किए गए। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा – “बस अड्डों में अस्पताल नहीं खोले जा सकते। सरकार इसकी पूरी जांच करवाएगी।”

विधायक संजय अवस्थी ने उठाया मामला


प्रश्नकाल के दौरान विधायक संजय अवस्थी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूर्व सरकार के समय प्रदेश की संपदा का गलत उपयोग हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी लाखों रुपये कमा रही है लेकिन सरकार को आय प्राप्त नहीं हो रही।

इस पर उपमुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि प्रदेश कानून के रास्ते से ही चलेगा। उन्होंने कहा – “जब रेहड़ी-फड़ी लगाने के लिए मंजूरी जरूरी है तो अस्पताल बिना मंजूरी कैसे चल सकता है। इसकी जांच होगी।”

संपत्ति कर भी बकाया

मुकेश अग्निहोत्री ने यह भी बताया कि अस्पताल संचालक की ओर से 6 से 7 करोड़ रुपये का संपत्ति कर भी चुकाया नहीं गया था। इसके चलते बिजली-पानी की आपूर्ति काटी गई थी, लेकिन बाद में ठेकेदार ने हाईकोर्ट का रुख किया और आपूर्ति बहाल की गई।

निदेशक मंडल की बैठक में दी थी अनुमति

उन्होंने कहा कि निदेशक मंडल की 67वीं बैठक में पार्किंग फ्लोर को निजी अस्पताल में बदलने की अनुमति दी गई थी, जबकि मूल करारनामे के अनुसार फ्लोर को व्यावसायिक क्षेत्र में शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं था।

मंडी पेयजल योजना का मुद्दा भी उठा


सत्र के दौरान मंडी के विधायक अनिल शर्मा ने ऊहल नदी से मंडी शहर के लिए बनी 82.8 करोड़ की पेयजल योजना में गड़बड़ियों का मामला उठाया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम मंडी ने इस योजना की राशि सड़कों और गलियों के निर्माण पर खर्च कर दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जल शक्ति विभाग ने काम करवाया है, लेकिन जांच का अधिकार शहरी विकास विभाग का है।

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