हिमाचल प्रदेश के सरकारी विभाग अरबपतियों की तरह, बैंकों में सैकड़ों करोड़ की FD जमा
शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी विभाग, बोर्ड और निगम किसी अरबपति से कम नहीं हैं। राज्य के विभिन्न विभागों ने बैंकों में सैकड़ों करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के रूप में जमा कर रखे हैं, जिनसे उन्हें ब्याज की मोटी आमदनी हो रही है। विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह जानकारी साझा की।
सबसे ज्यादा FD हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HPPCB) की है। बोर्ड ने अकेले 10 बैंकों में 138 करोड़ रुपये से अधिक की 17 FD कर रखी हैं। इनमें सबसे बड़ी FD 27.66 करोड़ रुपये की है, जो हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक कसुम्पटी में की गई है। यह FD 23 जनवरी 2026 को मेच्योर होगी और इससे बोर्ड को 2.27 करोड़ रुपये का ब्याज मिलेगा। वहीं, पंजाब एंड सिंध बैंक में बोर्ड की 18.40 करोड़ की FD अगले महीने 21 सितंबर 2025 को मेच्योर होगी, जिस पर 1.49 करोड़ रुपये ब्याज मिलेगा।
अन्य विभागों की भी करोड़ों की FD
भाषा एवं संस्कृति विभाग ने भी हिमाचल प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक कसुम्पटी में 8 करोड़ और 3 करोड़ की दो FD कराई हुई हैं। इसके अलावा कृषि, उद्योग, आयुष उद्यान विभाग, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन, नगर एवं ग्राम योजना, अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम, महिला एवं बाल विकास निदेशालय सहित कई विभागों और बोर्डों के नाम भी इस सूची में शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार ने बैंकों में पड़े लगभग 500 करोड़ रुपये ब्याज का पैसा ट्रेजरी में लिया है। अप्रैल और मई में इस संबंध में बैठकें भी की गईं। उन्होंने बताया कि कई FD अपने आप रिन्यू हो जाती हैं, जबकि कुछ खाते 1982 से 1985 तक के नॉन-ऑपरेटिव पड़े हैं। ऐसे खातों को चालू (ऑपरेटिव) करने के बाद ही सरकार उस पैसे का दावा कर सकती है। इसके लिए संबंधित विभागों के सचिवों को पहल करनी होगी।
सीएम ने कहा कि FD आमतौर पर उसी बैंक में कराई जाती है जहां सबसे अधिक ब्याज दर मिलती है, लेकिन कई विभागों ने कम ब्याज दर वाले बैंकों में पैसा जमा किया, जिससे नुकसान हुआ। उन्होंने निर्देश दिए कि अब इस प्रक्रिया पर विशेष ध्यान रखा जाए और नॉन-ऑपरेटिव खातों को चालू कर सरकार का पैसा वापस लाया जाए।