जेसीबी की बकेट में बैठाकर गर्भवती को पहुंचाया अस्पताल
शिमला। जिला शिमला के दुर्गम क्षेत्रों में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते सड़कों के बंद होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच पांवटा साहिब-नेरवा मुख्य मार्ग पर राणा क्यार में मानवीय जज्बे और साहस की मिसाल देखने को मिली।
दरअसल, शलन गांव की गर्भवती महिला मोनिका पत्नी सुनील को बीते दिन प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। महिला को सिविल अस्पताल नेरवा ले जाने के लिए ग्रामीणों ने जीप से रास्ता बनाने की कोशिश की। गाड़ी में समाजसेवी अतर सिंह राणा सहित सात ग्रामीण भी साथ थे, जो गैंती, बेलचे और झब्बल लेकर रास्ता साफ करते हुए आगे बढ़े। लेकिन राणा क्यार गांव और मुख्य मार्ग के बीच बहने वाला नाला उफान पर होने से सभी वहां फंस गए।
कोई दूसरा रास्ता न होने पर ग्रामीणों ने जोखिम उठाते हुए जेसीबी मंगवाई। फिर महिला को उसकी बकेट में बैठाकर उफनते नाले को पार करवाया गया और अस्पताल तक पहुंचाया गया।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस नाले पर कोई पुल नहीं है। बरसात के मौसम में यह नाला हमेशा उफान पर आ जाता है, जिससे आवाजाही ठप हो जाती है। राणा क्यार के सुनील मखरांण ने बताया कि वर्ष 2019 और 2023 में भी इसी नाले में भारी बाढ़ आई थी, जिससे आसपास बने मकान बह गए थे। उस समय भी प्रशासन ने मौके का जायजा लिया था और ग्रामीणों ने पुल बनाने की गुहार लगाई थी, लेकिन अब तक पुल का निर्माण नहीं हुआ।
पूर्व प्रधान अमर चंद नेगी, तपेंद्र नेगी, राजेंद्र सिंह डोगरा, छज्जू राम मखरांण, सुनीता अरोड़ा, लोकेंद्र सिंह नेगी, बिजमल पंचायत के पूर्व प्रधान दिनेश चौहान सहित ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मांग की है कि राणा क्यार नाले पर शीघ्र पुल बनवाकर लोगों को स्थायी राहत दी जाए।