हिमाचल: केसीसी बैंक बोर्ड निलंबित, निदेशक चुनाव रद्द
कांगड़ा/12/09/2025
कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश सरकार ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसी बैंक) की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (बीओडी) को निलंबित कर दिया है और आगामी निदेशक चुनाव की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। सरकार ने यह कदम बैंक के बढ़े हुए एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) और बैंक संचालन में पाई गई गंभीर अनियमितताओं को आधार बनाकर उठाया है।
बीते पांच वर्षों के आंकड़े देखें तो बैंक ने एनपीए में उल्लेखनीय सुधार किया है। 2021 में एनपीए 30% से अधिक था, जो 2022 में घटकर 29%, 2023 में 27%, 2024 में 23.45% और 2025 में घटकर 19.50% पर आ गया। इतना ही नहीं, इस साल बैंक ने 115 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो इसकी बेहतर वित्तीय स्थिति का संकेत देता है। बैंक की कुल 216 शाखाएं कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू-मनाली और लाहौल-स्पीति जिलों में संचालित हैं, जिनमें करीब 1.17 लाख खाताधारक शामिल हैं। बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी बेहतरीन सेवाओं के लिए जाना जाता है।
सरकारी जांच और नाबार्ड द्वारा की गई क्रमिक वैधानिक निरीक्षण रिपोर्टों के आधार पर यह पाया गया कि बैंक संचालन में गंभीर अनियमितताएं, अवैधताएं और लापरवाही हुई हैं। ये अनियमितताएं न केवल पूर्व बोर्ड बल्कि वर्तमान निर्वाचित एवं नामित बोर्ड सदस्यों द्वारा भी की गई हैं।
सूत्रों का कहना है कि केवल एनपीए ही नहीं, बल्कि राजनीतिक समीकरण भी इस निर्णय में अहम भूमिका निभा सकते हैं। हाल ही में हुए जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक सोलन के निदेशक मंडल चुनाव में बीजेपी ने छह में से चार सीटें जीतकर कांग्रेस को केवल दो सीटों पर संतोष करना पड़ा। कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस हार गई, जिससे सरकार की किरकिरी हुई। माना जा रहा है कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार ने बोर्ड को निलंबित किया और चुनाव प्रक्रिया रद्द कर दी। हालांकि, सरकार ने औपचारिक रूप से खराब मौसम और विभागीय जांच को चुनाव रद्द करने का कारण बताया है।
बीओडी को हटाने के बाद अब बैंक प्रबंधन पर एनपीए को और घटाने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। साथ ही, आगामी बोर्ड चुनाव कब और कैसे होंगे, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।