हिमाचल बना देश का चौथा पूर्ण साक्षर राज्य, CM सुक्खू करेंगे ऐलान
हिमाचल प्रदेश आज शिक्षा के क्षेत्र में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होने वाली उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू राज्य को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित करेंगे। उल्लास लिटरेसी प्रोग्राम के तहत हिमाचल प्रदेश ने 99.02% की साक्षरता दर हासिल कर ली है और देश का चौथा ऐसा राज्य बन गया है जिसने यह मुकाम पाया है।
देश का चौथा साक्षर राज्य
इससे पहले देश में सिर्फ केरल, तमिलनाडु और त्रिपुरा ही पूर्ण साक्षर राज्यों की सूची में थे। अब हिमाचल ने भी इस सूची में शामिल होकर न सिर्फ राज्य का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे देश में एक मिसाल कायम की है।
‘उल्लास लिटरेसी प्रोग्राम’ बना गेम चेंजर
हिमाचल सरकार और शिक्षा विभाग ने मिलकर इस अभियान को गति दी। उल्लास लिटरेसी प्रोग्राम के तहत बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को पढ़ाई की मुख्यधारा से जोड़ा गया।
ग्रामीण इलाकों में विशेष कक्षाओं का आयोजन किया गया।
पंचायत स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाए गए।
महिलाओं और बुजुर्गों को साक्षर बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया।
हजारों स्वयंसेवकों, शिक्षकों और सामाजिक संगठनों ने इसमें सक्रिय भूमिका निभाई।
CM सुक्खू का बयान
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि—
"यह उपलब्धि हिमाचल के हर नागरिक की मेहनत और जागरूकता का परिणाम है। शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है और हिमाचल ने यह साबित कर दिया है कि जब समाज और सरकार एकजुट होकर काम करते हैं तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रहता।
उन्होंने शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवी संस्थाओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि आने वाले समय में राज्य शिक्षा की गुणवत्ता और रोजगारमुखी पढ़ाई पर और अधिक ध्यान देगा।
नई दिशा की ओर कदम
हिमाचल की इस सफलता ने शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाओं के दरवाजे खोले हैं। अब राज्य केवल साक्षरता तक सीमित न रहकर गुणवत्ता शिक्षा, डिजिटल लर्निंग और स्किल डेवलपमेंट पर भी आगे बढ़ रहा है।
राज्य सरकार ने भविष्य के लिए शिक्षा को रोजगार और तकनीक से जोड़ने का रोडमैप तैयार किया है।
स्कूलों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी और नई तकनीकी सुविधाओं को जोड़ा जा रहा है।
गौरव का क्षण
99.02% साक्षरता दर हासिल करना हिमाचल के लिए सिर्फ एक आंकड़ा नहीं बल्कि सामाजिक विकास की दिशा में बड़ा कदम है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि राज्य के लोग शिक्षा के महत्व को समझते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल भविष्य चाहते हैं।
अब हिमाचल पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है और शिक्षा के क्षेत्र में यह कामयाबी विकास की नई राह दिखाएगी।