हिमाचल में बारिश का कहर जारी, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बोले केंद्र नहीं कर रहा मदद
किन्नौर में दो सैलानियों की मौत, कांगड़ा में बहुमंजिला भवन ढहा ,राजधानी शिमला के देवनगर इलाके में देर रात अचानक पहाड़ से भारी चट्टान सड़क पर आ गिरी।
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ अब तक प्रदेश को 2100 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान हो चुका है। सबसे ज़्यादा असर लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग पर पड़ा है। किन्नौर से बड़ी खबर आई है, जहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने जा रहे दिल्ली के दो सैलानियों की मौत पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से हो गई।
राजधानी शिमला के देवनगर इलाके में देर रात अचानक पहाड़ से भारी चट्टान सड़क पर गिर गई। हादसे में दो गाड़ियां मलबे में दब गईं और रास्ता बंद हो गया। वहीं मंडी जिले में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। पंडोह में एचटी बिजली लाइन का टावर लैंडस्लाइड से गिर गया, जबकि चंडीगढ़-मनाली फोरलेन तीन जगहों पर बंद पड़ा है।
सबसे दिल दहला देने वाला मंजर कांगड़ा में देखने को मिला, जहां पौंग बांध से छोड़ा गया पानी एक बहुमंजिला भवन को अपने साथ बहा ले गया। कुछ ही सेकंड में पूरा भवन नदी की तेज धार में समा गया और लोग बेबस होकर यह नजारा देखते रह गए।
इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्र सरकार पर मदद न करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार अपने संसाधनों से आपदा प्रभावितों तक मदद पहुँचा रही है और जिला मंडी के लिए 100 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया गया है। वहीं उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग दोहराई और कहा कि संघीय ढांचे में रहते हुए हिमाचल की मदद की जानी चाहिए।