नेपाल की हिंसा से चिंतित हिमाचल के नेपाली श्रमिक
परिवारों से संपर्क न होने पर बढ़ी बेचैनी
शिमला/12/09/2025
शिमला। नेपाल में भड़की हिंसा ने हिमाचल प्रदेश में रह रहे नेपाली नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है। सेब सीजन के दौरान इन दिनों हिमाचल के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में एक लाख से अधिक नेपाली श्रमिक काम कर रहे हैं। लेकिन नेपाल में बिगड़ते हालात और फोन सेवाओं के प्रभावित होने से वे अपने परिवारों से संपर्क नहीं कर पा रहे, जिससे उनकी बेचैनी बढ़ गई है।
कोटखाई में रह रहे नेपाली प्रकाश चंद ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से नेपाल में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं और बुधवार तक फोन सेवाएं पूरी तरह प्रभावित थीं। वहीं जाजरकोट से आए नेपाली ललित गोसाईं ने कहा कि वीडियो कॉल पर बात करना संभव नहीं हो रहा है और मीडिया में आ रही खबरें और अधिक परेशान कर रही हैं।
शिमला में रह रहे नेपाली समाज के हरि प्रसाद ने कहा कि नेपाल में उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और युवाओं की अनदेखी के खिलाफ आक्रोश ने हिंसक आंदोलन का रूप ले लिया है। नेपाली समाज के पूर्व अध्यक्ष शिवलाल ने भी कहा कि हिमाचल में रह रहे नेपाली अपने परिजनों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं और नेपाल में जल्द शांति बहाल होने की प्रार्थना कर रहे हैं।
एचआरटीसी के मंडलीय प्रबंधक शिमला देवासेन नेगी ने बताया कि नेपाल बॉर्डर तक जाने वाली टनकपुर रूट की बसें इस समय लगभग खाली दौड़ रही हैं। आमतौर पर सेब सीजन के बाद नेपाली श्रमिक दिवाली से पहले लौटते हैं, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उनमें असमंजस की स्थिति है।
नेपाल की हिंसा को देखते हुए हिमाचल प्रदेश की खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। सीआईडी और पुलिस को संवेदनशील और सीमावर्ती इलाकों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने कहा कि नेपाल के हालात का असर अक्सर तस्करी और आपराधिक गतिविधियों में भी देखने को मिलता है, इसलिए सतर्कता जरूरी है।
नेपाल में जारी हिंसा ने हिमाचल के नेपाली श्रमिकों और समाज को गहरी चिंता में डाल दिया है। हालांकि फोन सेवाएं आंशिक रूप से बहाल हुई हैं, लेकिन हालात सामान्य होने में अभी समय लग सकता है।