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हिमाचल में बादलों का तांडव: 24 घंटे में 5 जगह बादल फटे, गानवी में सड़कें और पुल बहाए, बंजार में गाड़ियां- कुटीर तबाह, शिमला-कोटखाई में मलबा, ऊना में बाढ़ का कहर

हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है। पिछले 24 घंटों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में 5 जगह बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिससे सैकड़ों गांव तबाही की चपेट में आ गए। सड़कों, पुलों, मकानों और गाड़ियों का नामोनिशान मिट गया है। भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

सबसे ज्यादा तबाही रामपुर के गानवी में देखने को मिली, जहां बादल फटने से दो सड़कें और तीन पुल बह गए। बागीपुल बाजार को खाली कराना पड़ा, कई मकान ढह गए और कुछ मलबे में दब गए। प्रभावित लोग रातों-रात अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। शिमला और कोटखाई में भी मलबे ने तबाही मचाई। कोटखाई के खलटूनाला में तड़के तीन बजे बादल फटा, जिससे 20 से ज्यादा गाड़ियां मलबे में दब गईं और आधा पेट्रोल पंप बह गया। ठली में एक कार रेलिंग तोड़कर नीचे गिर गई, वहीं IGMC के पास सड़क पर आया मलबा दो गाड़ियों को निगल गया।

कुल्लू के बंजार में बादल फटने से 5 गाड़ियां और 4 कॉटेज बह गए, घरों में मलबा भर गया और बंजार व गोहर में स्कूल बंद रखने पड़े। लाहौल, किन्नौर और तिर्थन घाटी में नदियां उफान पर हैं, कई सड़कें और पुल टूट चुके हैं। किन्नौर के पूह में सतलुज का पानी घरों और दुकानों तक पहुंच गया है।

मैदानी जिला ऊना में भी भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पानी घरों और दुकानों में घुस गया है, लोग सामान ऊंचाई पर ले जाने को मजबूर हैं और कई सड़कें डूब गई हैं। राज्यभर में 500 से ज्यादा सड़कें बंद हैं, 3 नेशनल हाईवे टूट चुके हैं और 30 से ज्यादा गाड़ियां मलबे में दबी हैं। अब तक हिमाचल को 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हो चुका है।

मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा और मंडी में ऑरेंज अलर्ट, जबकि बाकी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि पहाड़ी इलाकों की यात्रा से बचें, नदियों-नालों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

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