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सितंबर तक भारतीय वायुसेना को मिलेंगे पहले तेजस मार्क-1A फाइटर जेट

jat vayuyan

भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) सितंबर 2025 तक भारतीय वायुसेना (IAF) को पहले दो तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमान सौंपने जा रहा है। यह डिलीवरी भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

तेजस मार्क-1A का यह नया वर्जन पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है। इसमें पुराने मॉडल की तुलना में कई आधुनिक अपडेट जोड़े गए हैं। इसमें अत्याधुनिक रडार सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट, बेहतर हथियार क्षमता और उन्नत एवियोनिक्स लगाए गए हैं। इन तकनीकों से भारतीय वायुसेना की युद्धक शक्ति और भी ज्यादा मजबूत हो जाएगी।

रक्षा सचिव आर.के. सिंह ने जानकारी दी कि फरवरी 2021 में केंद्र सरकार ने 83 तेजस Mk-1A विमानों की खरीद के लिए 48,000 करोड़ रुपये का अनुबंध किया था। इस सौदे के तहत सितंबर तक पहले दो विमानों की डिलीवरी होगी और आने वाले वर्षों में सभी विमान वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे।

विशेषज्ञों के अनुसार, तेजस मार्क-1A वायुसेना के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। हल्के वजन वाला यह लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) न सिर्फ दुश्मनों पर त्वरित और सटीक वार करने में सक्षम है बल्कि अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित होने के कारण लंबे समय तक ऑपरेशन में भी प्रभावी रहेगा।

इसके साथ ही निवेशकों की नजरें भी HAL पर टिकी हैं। हाल ही में कंपनी का शेयर 4,343 रुपये के स्तर तक पहुंच गया और डिलीवरी शुरू होते ही शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है।

तेजस मार्क-1A की यह डिलीवरी भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे न सिर्फ भारत की आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा बल्कि देश की सीमाओं की सुरक्षा भी और मजबूत होगी।

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