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आईजीएमसी में चार साल से बंद हैं विटामिन-डी के टेस्ट

शिमला।19।08।2025

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शिमला: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में पिछले चार साल से विटामिन-डी की जांच ठप पड़ी है। सरकारी लैब में यह जांच 133 मुफ्त परीक्षणों में शामिल है, लेकिन वर्ष 2018 के बाद से आईजीएमसी की सरकारी लैब में यह टेस्ट नहीं हो रहा। टेस्ट किट की आपूर्ति बंद होने के बाद से अब तक नई खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है और उन्हें मजबूरन निजी लैबों का सहारा लेना पड़ रहा है। निजी लैबों में विटामिन-डी की जांच के लिए मरीजों को 800 से 1200 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया है। जबकि सरकारी व्यवस्था के तहत यह टेस्ट मुफ्त में उपलब्ध होना चाहिए था। आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल गुप्ता का कहना है कि अब नई टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, सरकारी लैब में विटामिन-डी की जांच फिर से शुरू कर दी जाएगी। विटामिन-डी की कमी को लेकर लोगों को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी झेलने पड़ रहे हैं। इसकी कमी हड्डियों को कमजोर और मुलायम बना देती है। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का भंगुर होना), बार-बार हड्डियां टूटने का खतरा और बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। मरीजों को लंबे समय तक मांसपेशियों में दर्द, थकान और रोग-प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसी समस्याएं भी सताती हैं। लंबे समय से जांच बंद रहने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर लोगों का भरोसा डगमगाता नजर आ रहा है। अब मरीजों को उम्मीद है कि नई टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह महत्वपूर्ण जांच सरकारी लैब में फिर से शुरू होगी और उन्हें सस्ती व समय पर सुविधा मिल पाएगी।

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