इजरायली एयरस्ट्राइक से यमन में हड़कंप: हूती सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की मौत
यमन की राजधानी सना में गुरुवार को हुए एक भीषण इजरायली हवाई हमले ने पूरे पश्चिम एशिया को हिलाकर रख दिया, जब इस हमले में यमन की विद्रोही हुती सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की मौत हो गई और सरकार के कई मंत्री गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि यह हमला उस समय हुआ जब प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी राजधानी सना में आयोजित एक वर्कशॉप में हिस्सा ले रहे थे, जिसमें सरकार की रणनीति, विकास कार्यों और सुरक्षा मामलों पर विचार-विमर्श हो रहा था।
इजरायल की सेना ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बयान में कहा कि यह कार्रवाई यमन में सक्रिय हुती आतंकियों की सैन्य क्षमताओं को खत्म करने के उद्देश्य से की गई है। हुती गुट, जिसे "अंसार अल्लाह" भी कहा जाता है, एक शिया मुस्लिम विद्रोही संगठन है जिसकी स्थापना 1990 के दशक में यमन के सादाह प्रांत में हुसैन बदरुद्दीन अल-हुती ने की थी। 2014 में इस गुट ने राजधानी सना पर कब्जा कर यमन की वैध सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था, और तभी से यमन एक खतरनाक गृहयुद्ध की चपेट में है।
हुती गुट को ईरान का सीधा समर्थन प्राप्त है जबकि यमन की पूर्व सरकार को सऊदी अरब और अमेरिका का समर्थन मिला हुआ है। हाल ही में इजरायल और हुती गुट के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब हुतियों ने एक इजरायली व्यापारी पोत पर मिसाइल हमला किया, जिसके जवाब में इजरायल ने यह बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इसके पहले भी सना में रविवार को एक हमला हुआ था जिसमें 10 नागरिकों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
यमन के हुती स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दर्जनों घायल अब भी अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। दूसरी ओर, हुती प्रवक्ताओं ने इस हमले को “युद्ध की सीधी घोषणा” बताते हुए चेतावनी दी है कि वे इसका जवाब जल्द और कड़ा देंगे। इस ताजा घटनाक्रम ने पश्चिम एशिया की स्थिति को और विस्फोटक बना दिया है, क्योंकि अब यमन का संकट सिर्फ दो गुटों के बीच का संघर्ष नहीं रह गया, बल्कि इसमें इजरायल, ईरान, सऊदी अरब और अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों की प्रत्यक्ष भागीदारी इसे एक अंतरराष्ट्रीय टकराव का रूप दे चुकी है।
अहमद अल-रहावी की मौत हुती प्रशासन के लिए न सिर्फ एक बड़ा राजनीतिक झटका है, बल्कि आने वाले समय में यह यमन की आंतरिक राजनीति को अस्थिर कर सकता है और पूरे क्षेत्र में हिंसा की नई लहर को जन्म दे सकता है।