जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश से हाहाकार, कठुआ में पुल ढहा, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात
श्रीनगर/25/08/2025
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। कई जिलों में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए संभावित बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी दी है।
कठुआ में पुल को भारी नुकसान, यातायात बंद
भारी बारिश के कारण कठुआ जिले में सहार खड्ड नदी पर बने पुल को भारी नुकसान हुआ है। उपायुक्त राजेश शर्मा ने बताया कि पुराने पुल को गंभीर क्षति पहुंची है, जबकि नए पुल में भी कमजोरी के संकेत मिले हैं। एहतियातन दोनों पुलों पर यातायात रोक दिया गया है और गाड़ियों को वैकल्पिक मार्ग से मोड़ा जा रहा है।
उमर अब्दुल्ला ने जारी किया हाई अलर्ट
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यभर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। उन्होंने संबंधित विभागों को पूरी सतर्कता बरतने और नियंत्रण कक्ष को सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, जनता से प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की गई है। श्रीनगर और जम्मू के कई इलाकों में पानी घरों में घुस गया है। जानीपुर, रूप नगर, तालाब टिल्लू, न्यू प्लॉट और संजय नगर समेत कई कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं।
हॉस्टल में फंसे 50 छात्र, SDRF ने किया रेस्क्यू
जम्मू के बख्शी नगर स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरग्रेटिव मेडिसिन (IIIM) के छात्रावास में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे करीब 50 छात्र फंस गए। एसडीआरएफ और पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर सभी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला।
रिकॉर्ड तोड़ बारिश
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जम्मू में 190.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले 100 वर्षों में अगस्त महीने की दूसरी सबसे बड़ी बारिश है। उधमपुर में 144.2 मिमी, कटरा में 115 मिमी, सांबा में 109 मिमी और कठुआ में 90.2 मिमी बारिश हुई है।
सड़क मार्ग और नदियां बनीं खतरा
जहां एक ओर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और श्रीनगर-लेह हाईवे यातायात के लिए खुले हैं, वहीं भूस्खलन के कारण मुगल रोड और सिंथन रोड बंद करनी पड़ी है। चिनाब, तवी, बसंतर, उझ और रावी नदियां खतरनाक स्तर पर बह रही हैं, जिससे प्रशासन ने आपदा प्रतिक्रिया बल और पुलिस को अलर्ट पर रखा है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के किनारे न जाएं और सतर्कता बरतें, क्योंकि 27 अगस्त तक भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा बना रहेगा।