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देवता कार्तिक स्वामी का आदेश: बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट पर संकट के बादल

कुल्लू। 18।08।2025

bijali mahadev

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की खराहल घाटी में बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अब इस मामले में धार्मिक रंग भी जुड़ गया है, क्योंकि देवता कार्तिक स्वामी ने अपने गुर के माध्यम से आदेश दिया है कि इस परियोजना को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। देवता के गुर ने साफ कहा कि “देव आदेशों की अवहेलना के चलते ही त्रासदी हो रही है, ऐसे में धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का सम्मान करना बेहद जरूरी है।” देवता का स्पष्ट आदेश और धार्मिक भावनाएं देवता कार्तिक स्वामी के कारदार युवराज ने बताया कि देवता ने आदेश दिया है कि बिजली महादेव रोपवे किसी भी हाल में नहीं लगना चाहिए। उनका कहना है कि इससे धार्मिक स्थल की पवित्रता और पुरानी परंपराएं खंडित होंगी। देवता कार्तिक स्वामी हर 12 साल में बिजली महादेव मंदिर जाते हैं और मंदिर परिसर के पास सरोवर में डेरा डालते हैं। ऐसे में इस रोपवे को लेकर देवता का आदेश स्थानीय लोगों के लिए अंतिम माना जा रहा है। क्या है बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट? कुल्लू से करीब 14 किलोमीटर दूर स्थित बिजली महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 3 किलोमीटर पैदल ट्रेक करना पड़ता है। कठिन और दुर्गम रास्ते को आसान बनाने के लिए सरकार ने रोपवे प्रोजेक्ट की योजना बनाई है। यह रोपवे मोहाल नेचर पार्क से शुरू होकर मंदिर तक जाएगा और करीब 2.3 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 7 मिनट में तय होगी। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLM Ltd.) इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और योजना है कि साल 2026 तक श्रद्धालु इस रोपवे का लाभ उठा सकेंगे। क्यों हो रहा है विरोध? हालांकि प्रोजेक्ट श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोग और पंचायतें इसका विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि रोपवे बनने से धार्मिक स्थल की परंपरा और पवित्रता पर आंच आएगी। इसके अलावा स्थानीय कारोबार जैसे टैक्सी, होटल और दुकानों पर भी सीधा असर पड़ेगा। 9 पंचायतों के लोग एकजुट होकर रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ खड़े हैं। उनका कहना है कि यह प्रोजेक्ट उनकी रोजी-रोटी छीन लेगा। विवाद और भविष्य की स्थिति इससे पहले भी ढालपुर में स्थानीय लोगों ने धरना-प्रदर्शन कर इस प्रोजेक्ट को बंद करने की मांग उठाई थी, लेकिन इसके बावजूद काम जारी है। अब देवता कार्तिक स्वामी का आदेश आने के बाद स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि क्या सरकार और कंपनी देवता के आदेशों का सम्मान करते हुए प्रोजेक्ट रोकेंगी या विरोध के बावजूद रोपवे का निर्माण जारी रहेगा।

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