किन्नौर में आफत की बारिश: NH-5 बंद, स्पीति से संपर्क टूटा, बागीचों और पुलों को भारी नुकसान
किन्नौर। 15।08।2025
किन्नौर जिले में गुरुवार रात से हो रही मूसलधार बारिश ने जिले के जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई इलाकों में नदियों और नालों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है, जिससे ज़िले के ऊपरी क्षेत्रों और पड़ोसी स्पीति घाटी से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। स्किब्बा के पास रिब्बा नाले में आई बाढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग-5 (NH-5) को बंद कर दिया गया है, जो जिले की जीवन रेखा मानी जाती है। बारिश का असर सिर्फ सड़क यातायात पर ही नहीं, बल्कि स्थानीय कृषि और बागवानी पर भी पड़ा है। लिप्पा पेजर खड्ड में बाढ़ आने से कई सेब बागीचे बर्बाद हो गए हैं, जिससे बागवानों को भारी आर्थिक झटका लगा है। लिप्पा बस स्टैंड के पास कुछ घर बाढ़ की चपेट में आने के कगार पर हैं और स्थानीय निवासियों को सतर्क किया गया है। मलिंग नाले के पास एनएच-5 का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया है, जिससे स्पीति, काजा और चांगो जैसे दुर्गम क्षेत्रों का संपर्क मुख्य जिले से कट गया है। वहीं, झांगू के शिवे नाले में रात को आई बाढ़ ने मालवा पुल को भी प्रभावित किया है। स्थिति यहीं नहीं थमी। शाकचांग खड्ड में उफनते पानी ने लोक निर्माण विभाग का पुल पूरी तरह बहा दिया। सिंचाई व फार्म कुफल और सेना से जुड़े पीडीबी स्ट्रक्चर भी बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सेना के संचालन क्षेत्रों में मलबा भर गया है, जिससे आपात गतिविधियों में भी रुकावट आने की आशंका है। सेब उत्पादकों के साथ-साथ गंग्युल में बने एडवेंचर टूरिज्म कैंप को भी नुकसान पहुंचा है। कई निजी और सामुदायिक संपत्तियों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। ग्राम पंचायत प्रधान ज्ञाबुंग ज्ञान सिंह नेगी ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और नुकसान की जानकारी संबंधित विभागों – तहसील कार्यालय, जल शक्ति विभाग, PWD और राजस्व विभाग को सौंप दी है। मुरंग तहसील के लंबर गांव में भी शाकचांग खड्ड में आई बाढ़ के कारण पुल पूरी तरह ढह गया है। इस कारण कुनू–चारंग संपर्क मार्ग अब गहरी खाई में तब्दील हो गया है, जो भविष्य में दुर्घटनाओं को न्योता दे सकता है।