विधायी संस्थाओं में सार्थक चर्चा से ही बढ़ेगा लोकतंत्र में जनता का विश्वास: कुलदीप सिंह पठानियां
बेंगलुरू: हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने बेंगलुरू में आयोजित 11वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) भारत क्षेत्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यदि विधायी संस्थाओं की विश्वसनीयता बनाए रखनी है, तो सदनों में सार्थक, उद्देश्यपूर्ण और परिणाममूलक चर्चाएं होनी अनिवार्य हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोगों का भरोसा जनप्रतिनिधियों और लोकतांत्रिक व्यवस्था से उठ सकता है।
उन्होंने कहा कि संसद, विधानसभाएं और अन्य विधायी मंच केवल कानून बनाने के स्थान नहीं हैं, बल्कि ये आम जनता की आवाज़ को सामने लाने का माध्यम भी हैं। ऐसे में विधायकों और सांसदों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनता के मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए।
पठानियां ने कहा कि लोकतंत्र केवल नारों से नहीं, बल्कि ठोस चर्चाओं और कार्रवाई से मजबूत होता है। उन्होंने सशक्त समितियों, साक्ष्य-आधारित बहसों और विधायकों के प्रशिक्षण की भी वकालत की, जिससे सदनों में गुणवत्ता बढ़े और जनता की अपेक्षाओं को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी विकास और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती चुनौतियों के मद्देनज़र अब समय है कि विधायन में भी दूरदर्शिता लाई जाए, ताकि भविष्य के अनुसार नीतियां तैयार की जा सकें।
सम्मेलन में भाग लेने से पूर्व पठानियां और हिमाचल विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यू. टी. खादर फरीद के साथ प्रदर्शनी स्टॉलों का निरीक्षण भी किया।