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महाकाल मंदिर पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: आम भक्तों की एंट्री बंद, VIP को छूट से श्रद्धालुओं में नाराज़गी

उज्जैन/02/09/2025

mahakla

उज्जैन। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि गर्भगृह में आम भक्तों का प्रवेश फिलहाल बंद रहेगा और इस पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार उज्जैन कलेक्टर के पास होगा। यानी अब कलेक्टर की अनुमति के बिना कोई भी आम श्रद्धालु गर्भगृह में नहीं जा सकेगा, जबकि VIP और प्रभावशाली लोगों को छूट मिलती रहेगी।

इस फैसले से महाकाल के भक्तों में गहरी नाराज़गी देखने को मिल रही है। उनका कहना है कि भगवान महाकाल के दरबार में VIP और आम श्रद्धालु एक समान हैं, ऐसे में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। भक्तों ने इसे अनुचित और आस्था पर चोट बताया है।

दरअसल, इंदौर निवासी दर्पण अवस्थी ने एडवोकेट चर्चित शास्त्री के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाते, जबकि प्रभावशाली लोग और VIP आसानी से अंदर चले जाते हैं। याचिकाकर्ता ने इस व्यवस्था को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताया था। हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि कलेक्टर ही अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद याचिकाकर्ता अब रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की तैयारी में है। एडवोकेट चर्चित शास्त्री ने कहा कि यह मामला लाखों भक्तों की आस्था से जुड़ा है, इसलिए कोर्ट में दोबारा अपील की जाएगी।

इधर, श्रद्धालुओं का गुस्सा भी लगातार सामने आ रहा है। उनका कहना है कि सावन 2023 में जब भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी, तब गर्भगृह को आम श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी रूप से बंद किया गया था। मंदिर प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि 11 सितंबर 2023 के बाद गर्भगृह दोबारा खोल दिया जाएगा, लेकिन अब दो साल से ज्यादा का समय गुजर चुका है और अभी तक यह प्रतिबंध हटा नहीं है।

मंदिर समिति का तर्क है कि महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 30 हजार से बढ़कर 1.5 से 2 लाख तक पहुंच गई है। इस वजह से सुरक्षा और प्रबंधन की चुनौतियों को देखते हुए गर्भगृह में सबको प्रवेश देना संभव नहीं है।

भले ही अदालत और प्रशासन इसे व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी मान रहे हों, लेकिन श्रद्धालुओं का कहना है कि भगवान महाकाल के दरबार में सब बराबर हैं और उन्हें भी VIP की तरह नजदीक से दर्शन करने का अवसर मिलना चाहिए।

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