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मणिमहेश यात्रा: मंत्री के दौरे पर खुली सड़क, नाराज श्रद्धालुओं ने लगाए नारे

चंबा/30/08/2025

CHAMBA

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में जारी मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रविवार से गुरुवार तक बंद पड़ी चंबा–भरमौर सड़क के कारण हजारों श्रद्धालु पैदल ही यात्रा करने को मजबूर रहे। श्रद्धालुओं का आरोप है कि कई दिनों तक उनके लिए सड़क बहाली की कोई व्यवस्था नहीं की गई, लेकिन जैसे ही शुक्रवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी भरमौर जाने के लिए चंबा पहुंचे, प्रशासन ने तुरंत सड़क खोलने के लिए मशीनरी तैनात कर दी।

इस दौरान श्रद्धालुओं में नाराजगी देखने को मिली और उन्होंने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। जानकारी के मुताबिक, मंत्री करियां से राख तक बिना रुके आगे बढ़े। दोपहर करीब 12:30 बजे वह हरदासपुरा पहुंचे और एक निजी रेस्तरां में भोजन किया। उसके बाद आगे बढ़ते हुए लगभग 1:45 बजे जांघी पहुंचे, जहां मणिमहेश यात्रियों ने उनके सामने नारेबाजी कर विरोध जताया। विरोध को देखते हुए मंत्री ने अपनी गाड़ी वहां नहीं रोकी और आगे निकल गए।

जांघी से दो किलोमीटर आगे मंत्री की मुलाकात एक पैदल यात्री से हुई। उसने मंत्री को बताया कि वह कई दिनों से यात्रा में फंसा है और उसके पास पैसे भी खत्म हो चुके हैं। इस पर मंत्री ने अपनी जेब से पर्स निकालकर उसे 1,000 रुपये दिए ताकि वह रास्ते में भोजन कर सके। श्रद्धालु ने पहले पैसे लेने से इनकार किया, लेकिन मंत्री ने उसे यह राशि लेने पर मजबूर किया।

श्रद्धालुओं में गुस्सा इस बात को लेकर भी था कि वे पिछले पांच दिन से सड़क बंद होने के कारण परेशान थे, लेकिन प्रशासन ने बहाली के लिए कोई कदम नहीं उठाया। केवल मंत्री के दौरे पर सड़क खोलने के लिए मशीनरी लगा दी गई।

इधर, मणिमहेश यात्रा में श्रद्धालुओं के फंसे होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने चिंता जताई। उन्होंने शुक्रवार को प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी से बातचीत कर फंसे हुए यात्रियों के रेस्क्यू की मांग की। साथ ही उन्होंने यात्रा क्षेत्र में फोन कनेक्टिविटी की समस्या को लेकर दूरसंचार सचिव और BSNL के सीएमडी से बात कर जल्द नेटवर्क बहाल करने का आग्रह किया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने हिमाचल प्रदेश में सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और धार्मिक पर्यटन से जुड़े श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

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