मौत की धरती बना ये देश, जन्म दर में भारी गिरावट
यूक्रेन की जनसंख्या पर युद्ध का कहर, जन्म से तीन गुना ज़्यादा मौतें, 70 लाख से अधिक लोग देश छोड़ चुके
रूस-यूक्रेन युद्ध ने जहां पूरे विश्व को हिला दिया, वहीं यूक्रेन खुद एक बेहद गंभीर जनसंख्या संकट में फंस गया है। युद्ध की मार ने न सिर्फ शहरों को तबाह किया, बल्कि देश की जनसांख्यिकीय स्थिति को भी बर्बादी की कगार पर पहुँचा दिया है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, यूक्रेन में जन्म की तुलना में तीन गुना ज़्यादा मौतें हो रही हैं, जिससे देश की आबादी ऐतिहासिक रूप से सबसे निचले स्तर पर पहुँच चुकी है।
तीन साल से चल रहा युद्ध, थमने के आसार नहीं
24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। किसी को उम्मीद नहीं थी कि यह युद्ध सालों तक चलेगा। आज तीन साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब तक न युद्ध थमा है और न ही हालात सुधरे हैं। कई वैश्विक नेताओं की कोशिशों के बावजूद कोई स्थायी युद्धविराम नहीं हो सका। इसके चलते यूक्रेन लगातार टूटता जा रहा है—सिर्फ सीमाओं पर ही नहीं, जनसंख्या के स्तर पर भी।
70 लाख लोगों ने छोड़ा देश
युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक लगभग 70 लाख यूक्रेनी नागरिक—जिनमें महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक हैं—देश छोड़ चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक, 4.3 मिलियन यूक्रेनी नागरिकों ने यूरोपीय यूनियन में शरण ली है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के अनुसार, अब तक 46,000 से अधिक यूक्रेनी सैनिक मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों सैनिक लापता हैं या रूसी जेलों में बंद हैं। इससे न केवल सेना कमजोर हुई है, बल्कि समाज का संतुलन भी बिगड़ गया है।
जनसंख्या में ऐतिहासिक गिरावट
ईयू ऑब्जर्वर की रिपोर्ट बताती है कि यूक्रेन की आबादी अब ऐतिहासिक रूप से सबसे निचले स्तर पर है। युद्ध, पलायन और गिरती जन्म दर मिलकर देश की जनसंख्या को तेजी से खत्म कर रहे हैं। यूक्रेन इंस्टीट्यूट फॉर डेमोग्राफी एंड सोशल स्टडीज के अनुसार, 1990 के दशक से ही यूक्रेन की जनसंख्या में गिरावट आनी शुरू हो गई थी, लेकिन अब यह गिरावट खतरनाक मोड़ पर पहुँच चुकी है। जन्म दर इतनी गिर चुकी है कि कई क्षेत्रों में मौतों की संख्या जन्मों से तीन गुना ज्यादा है।
रूस, जापान और चीन भी संकट में
यूक्रेन अकेला देश नहीं है जो इस संकट से जूझ रहा है। रूस, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देश भी घटती जनसंख्या और बूढ़ी होती आबादी से परेशान हैं। रूस में सरकार युवाओं को बच्चे पैदा करने के लिए नकद इनाम तक दे रही है, जबकि जापान और चीन में लगातार जनसंख्या गिरावट से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या सबसे बड़ी इसलिए है क्योंकि यहाँ युद्ध, पलायन और जन्म दर गिरावट तीनों एक साथ हो रही हैं।
भविष्य और भी चुनौतीपूर्ण
विशेषज्ञों का मानना है कि युद्ध के बाद भी यूक्रेन के लिए स्थितियाँ सामान्य नहीं होंगी। देश को पलायन कर चुके नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करनी होगी, युवाओं को बसाना होगा और जन्म दर को फिर से बढ़ाना होगा। ये सभी कार्य बिना ठोस नीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के संभव नहीं होंगे। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यूक्रेन का भविष्य वाकई एक ऐसे देश के रूप में दर्ज हो सकता है जिसे "मौत की धरती" कहा जाए—जहाँ जीवन से ज़्यादा मौतें होती हैं।