नेपाल में नई सरकार बनने तक आर्मी चीफ़ के हाथ में कमान
काठमांडू/10/09/2025
नेपाल इन दिनों बड़े राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के आरोपों से उपजे आक्रोश ने धीरे-धीरे हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने संसद, सरकारी दफ्तरों और नेताओं के निजी घरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। हालात बेकाबू होते ही नेपाल की सेना को मोर्चा संभालना पड़ा और आर्मी चीफ़ जनरल अशोक राज सिग्देल ने देश की बागडोर अपने हाथों में ले ली।
सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना के हाथों में
नई सरकार बनने तक नेपाल की सुरक्षा व्यवस्था सेना के हाथों में रहेगी। जनरल सिग्देल ने साफ किया है कि वे किसी भी तरह की अराजकता और हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने देर रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ छोड़कर संवाद के रास्ते पर लौटें। साथ ही चेतावनी दी कि अगर हालात नहीं सुधरे तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कड़ी सुरक्षा और सख्त निगरानी
राजधानी काठमांडू सहित देशभर के कई हिस्सों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। सेना ने साफ किया है कि सरकारी संपत्तियों, सार्वजनिक स्थलों और नेताओं के घरों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। जिन इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, वहां कर्फ्यू जैसी स्थिति है।
कौन हैं जनरल अशोक राज सिग्देल?
58 वर्षीय जनरल अशोक राज सिग्देल लंबे समय से नेपाल सेना का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्हें अपने व्यवहारिक रवैये और भारत-चीन दोनों देशों के साथ संतुलन बनाने की कोशिशों के लिए जाना जाता है। मौजूदा हालात उनके सैन्य करियर की सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
जनता से अपील
जनरल सिग्देल ने अपने संदेश में कहा कि सेना आम जनता की सुरक्षा और राजनीतिक दलों के नेताओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। सेना का लक्ष्य केवल देश में स्थिरता और शांति बहाल करना है।
नेपाल इस समय राजनीतिक अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। नई सरकार बनने तक सेना व्यवस्था संभालेगी। ऐसे में यह देखना होगा कि आर्मी चीफ़ जनरल अशोक राज सिग्देल कितनी जल्दी हालात सामान्य कर पाते हैं और जनता का भरोसा कायम रख पाते हैं।