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बारिश का पानी और मूत्र पीकर जिंदा रहा अमेरिकी पत्रकार

6 दिन तक फंसा रहा नॉर्वे ग्लेशियर में

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नॉर्वे के फोल्गेफोन्ना नेशनल पार्क में ट्रैकिंग पर निकले अमेरिकी जलवायु पत्रकार एलेक लुह्न (38) का रोमांच एक भयावह अनुभव में बदल गया। विस्कॉन्सिन निवासी लुह्न जुलाई के अंत में चार दिन की एकल ट्रेकिंग यात्रा पर निकले थे, लेकिन एक चट्टान से फिसलकर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे में उनकी जांघ की हड्डी, श्रोणि और रीढ़ की हड्डी टूट गई। फोन और पानी की बोतल खो जाने के बाद वे छह दिनों तक बिना मदद के पहाड़ पर फंसे रहे।

जीवित रहने के लिए लुह्न ने पहले दो दिन बिना पानी बिताए, फिर मजबूरी में अपना मूत्र पिया और बची हुई एनर्जी बार खाई। तीसरे दिन बारिश ने उन्हें राहत दी और उन्होंने बूंद-बूंद पानी चाटकर प्यास बुझाई। इस दौरान ठंड और तूफान ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं। लुह्न ने बताया कि हादसे के बाद उनका बायां पैर पूरी तरह बेकार हो चुका था और वे हिलने-डुलने तक में असमर्थ थे।

उनकी पत्नी वेरोनिका सिलचेंको ने जब उन्हें निर्धारित उड़ान से घर लौटते नहीं देखा तो अधिकारियों को सूचना दी। खराब मौसम के बावजूद खोज अभियान चलाया गया और 6 अगस्त को एक हेलिकॉप्टर ने उन्हें तंबू के पोल और रुमाल से बनाए गए झंडे के सहारे देख लिया। बर्गन अस्पताल में भर्ती कराए गए लुह्न ने कहा, “जब हेलिकॉप्टर से किसी ने हाथ हिलाया, मुझे लगा मेरी जिंदगी बच गई।”

अस्पताल में पत्नी से मिलते समय दोनों भावुक हो उठे। वेरोनिका ने कहा, “मैं तुम्हें बाद में डांटूंगी, लेकिन अभी मैं तुमसे प्यार करती हूं।” लुह्न ने स्वीकार किया कि इस अनुभव ने उन्हें परिवार की अहमियत सिखाई और सबसे दर्दनाक यह था कि उन्हें लगा वे शायद अपने परिवार को फिर कभी नहीं देख पाएंगे।

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