NPPA का आदेश: GST कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक, दवाओं की कीमतें घटेंगी
नई दिल्ली/13/09/2025
नई दिल्ली: नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें दवा निर्माताओं और मार्केटिंग कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि जिन दवाओं पर हाल ही में GST दर में कटौती हुई है, उनके अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में तुरंत बदलाव किया जाए। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि टैक्स में कमी का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे और मरीजों को दवाओं पर कम खर्च करना पड़े।
NPPA ने स्पष्ट किया है कि सरकार द्वारा किसी दवा पर GST या अन्य टैक्स घटाने पर उस दवा की MRP को उसी अनुपात में घटाना अनिवार्य होगा। कंपनियों को केवल संशोधित प्राइस लिस्ट जारी करनी होगी और इसे रिटेलर्स व राज्य नियंत्रकों तक पहुंचाना होगा। पहले से तैयार या स्टॉक में रखी दवाओं का री-लेबलिंग, स्टिकरिंग या रीकॉल अनिवार्य नहीं है। यह स्वैच्छिक आधार पर किया जा सकता है, बशर्ते कंपनियां आदेश में तय शर्तों का पालन करें।
हाल ही में GST दरों में बदलाव के कारण दवाओं की कीमतों में कमी की उम्मीद है। उदाहरण के तौर पर, कुछ दवाओं पर GST दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है, जबकि कुछ जीवनरक्षक दवाओं पर GST दर 5% से शून्य प्रतिशत कर दी गई है। इसका सीधा फायदा मरीजों और आम उपभोक्ताओं को मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें दवाओं पर पहले की तुलना में कम खर्च करना होगा।
NPPA ने यह भी कहा कि कंपनियों को महंगी री-लेबलिंग या स्टिकरिंग की आवश्यकता नहीं होगी। बस संशोधित प्राइस लिस्ट जारी करना पर्याप्त है, जिससे कानूनी अनुपालन सुनिश्चित होगा और कंपनियों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव नहीं पड़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम फार्मास्यूटिकल सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाने और दवाओं को आम जनता के लिए सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे उपभोक्ताओं के लिए जीवन रक्षक दवाओं की पहुंच आसान होगी और वे आर्थिक रूप से भी लाभान्वित होंगे।
NPPA के इस आदेश के बाद बाजार में दवाओं की वास्तविक कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे मरीजों के लिए इलाज सस्ता और किफायती होगा। यह निर्णय उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और दवाओं की उपलब्धता तथा कीमतों में संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।