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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार रिहा होंगे पाकिस्तानी कैदी

bharatpak

भारत सरकार ने बड़ा मानवीय कदम उठाते हुए 70 पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई का निर्णय लिया है। इन कैदियों को मंगलवार को अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान भेजा जाएगा। यह पहला मौका है जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद इतने बड़े स्तर पर कैदियों को छोड़ा जा रहा है। ये कैदी विभिन्न मामलों में भारत की अलग-अलग जेलों में बंद थे। इनमें कुछ महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। अधिकतर कैदी अवैध रूप से भारत की सीमा में दाखिल हुए थे, जबकि कुछ मछली पकड़ते हुए भारतीय जलक्षेत्र में आ गए थे। कुछ कैदियों पर वीज़ा शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप भी लगे थे।

सूत्रों के अनुसार, अटारी सीमा पर भारतीय अधिकारियों की मौजूदगी में इन सभी कैदियों को औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स के हवाले किया जाएगा। इस रिहाई से पहले भारत की ओर से कई बार पाकिस्तानी कैदियों को छोड़ा जा चुका है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में रिहाई होगी।

भारत की इस पहल के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि पाकिस्तान भी अपनी हिरासत में बंद भारतीय कैदियों और मछुआरों को जल्द रिहा करेगा। पाकिस्तान की जेलों में इस समय कई भारतीय कैदी और मछुआरे बंद हैं। जानकारी के अनुसार, दोनों देशों ने इसी साल 3 जुलाई को राजनयिक चैनलों के जरिए हिरासत में बंद कैदियों और मछुआरों की सूची साझा की थी। भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी हिरासत में बंद 382 पाकिस्तानी कैदियों और 81 मछुआरों की सूची साझा की थी। वहीं, पाकिस्तान ने भी अपनी हिरासत में मौजूद 53 भारतीय कैदियों और 193 भारतीय मछुआरों की सूची भारत को दी थी।

विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की जेलों में 159 भारतीय मछुआरे और कई नागरिक अब भी बंद हैं। भारत लगातार मांग करता रहा है कि पाकिस्तान इन सभी को तुरंत रिहा करे। इस बार की रिहाई के बाद भारत को उम्मीद है कि पाकिस्तान भी मानवीय आधार पर कदम उठाएगा और वहां बंद भारतीय कैदियों और मछुआरों की जल्द रिहाई करेगा।

यह फैसला न केवल कैदियों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत है बल्कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों में मानवीय आधार पर विश्वास बहाली की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

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