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पाकिस्तान बाढ़ राहत के पैसों से बना रहा लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में किया तबाह

इस्लामाबाद/14/09/2025

pak mcr

पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भरोसे को तोड़ता नजर आ रहा है। बाढ़ से जूझ रहे अपने ही नागरिकों की मदद के लिए मिले राहत फंड का उपयोग उसने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का नया मुख्यालय खड़ा करने में कर दिया। भारत ने इस जानकारी को गंभीरता से लेते हुए पांच महीने पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए इस आतंकी ठिकाने को पूरी तरह तबाह कर दिया था।

बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय फंड्स मिले थे। लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इन पैसों को लश्कर-ए-तैयबा के नए ट्रेनिंग और ऑपरेशनल बेस को फिर से खड़ा करने में खर्च कर दिया। यह ठिकाना एक धार्मिक स्थल की आड़ में बनाया जा रहा था। इस केंद्र में तीन अहम सेक्शन तैयार किए जा रहे थे — कैदियों के रखने का स्थान, हथियारों का जखीरा, और आतंकी ट्रेनिंग की व्यवस्था। भारत की कार्रवाई में इनमें से अधिकांश हिस्सों को नष्ट कर दिया गया, जबकि केवल एक धार्मिक स्थल का भाग छोड़ा गया जिसे आतंकी गतिविधियों में प्रयोग नहीं किया जा रहा था।

जानकारी के अनुसार, 18 अगस्त 2025 से इस ढांचे को फिर से बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पाकिस्तान ने 5 भारी मशीनें तैनात कर निर्माण कार्य तेज़ी से शुरू कर दिया है। शुरुआती तौर पर लगभग 4 एकड़ भूमि में मलबा हटाकर निर्माण चालू हो चुका है। जल्द ही इसे पूरी तरह फिर से एक आतंकी ठिकाने के रूप में विकसित किया जाएगा।

मई 2025 की शुरुआत में ही भारत ने यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिया था, लेकिन अब पाकिस्तान ने इसे दोबारा खड़ा करने की योजना को अंजाम देना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान की ओर से सार्वजनिक रूप से यह बात कही गई थी कि वह आतंकी संगठनों को बढ़ावा नहीं देगा। लेकिन हकीकत इससे अलग है — इस बार फिर से करीब 1 करोड़ पाकिस्तानी रुपये बाढ़ राहत के नाम पर मिले फंड्स से लश्कर को दिए गए हैं।

इस पूरे आतंकी मुख्यालय के पुनर्निर्माण में करीब 15 करोड़ पाकिस्तानी रुपये खर्च होने की संभावना है। यह खुलासा एक बार फिर पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करता है — जहाँ एक ओर वह खुद को दुनिया के सामने पीड़ित दिखाता है, वहीं दूसरी ओर आतंकवाद को छुपकर पाल रहा है।

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