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पाकिस्तान में सदी की सबसे बड़ी बाढ़: 20 लाख लोग प्रभावित

पाकिस्तान/01/09/2025

pak barish

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इस साल की बरसात ने अब तक का सबसे बड़ा बाढ़ संकट खड़ा कर दिया है। असामान्य बारिश और भारत से छोड़े गए अतिरिक्त पानी ने हालात और भयावह बना दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह पंजाब के इतिहास की सबसे बड़ी बाढ़ है, जिसमें अब तक करीब 20 लाख लोग प्रभावित, 849 लोगों की मौत और 1,130 लोग घायल हो चुके हैं। तीन प्रमुख नदियों – सतलुज, चेनाब और रावी – का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है, जिससे निचले इलाकों में भारी तबाही मची है।

मौसम विभाग के अनुसार, इस साल पंजाब ने 1 जुलाई से 27 अगस्त तक पिछले साल की तुलना में 26.5 प्रतिशत ज्यादा बारिश झेली है। लगातार हो रही भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के कारण कई जगह फ्लैश फ्लड की स्थिति बनी। वहीं, भारत से छोड़े गए अतिरिक्त पानी ने बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना दिया। इस पर पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि विदेश मंत्रालय इस मामले में डेटा इकट्ठा कर रहा है और जांच करेगा कि भारत ने जानबूझकर पानी छोड़ा या नहीं। हालांकि भारत की तरफ से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को निकालने के लिए सेना और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं। हजारों लोगों को बोट और रेस्क्यू टीमों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई स्कूल, पुलिस थाने और सरकारी इमारतों को अस्थायी राहत शिविरों में बदला गया है ताकि विस्थापित परिवारों को आश्रय मिल सके।

इस बाढ़ ने पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था को भी तगड़ा झटका दिया है। पंजाब प्रांत को देश का खेती-बाड़ी और गेहूं उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। 2022 में भी आई भीषण बाढ़ ने लाखों किसानों को तबाह कर दिया था और इस बार फिर से बाढ़ ने उनकी उम्मीदों को डुबो दिया है। खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, जिससे आने वाले समय में खाद्य संकट और महंगाई का खतरा और बढ़ गया है।

पाकिस्तान पहले से ही उन देशों में शामिल है जो जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। असामान्य मानसूनी बारिश और ग्लोबल वार्मिंग के असर से बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं का खतरा हर साल बढ़ रहा है। इस बार की आपदा ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को न सिर्फ मानवीय संकट बल्कि आने वाले महीनों में आर्थिक संकट से भी जूझना पड़ेगा।

इस भीषण बाढ़ ने पाकिस्तान के सामने राहत, पुनर्वास और खाद्य सुरक्षा की बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।

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