पत्नी को जिंदा जलाने वाला पति पुलिस मुठभेड़ में घायल, दहेज हत्या का मामला गर्माया
नई दिल्ली/25/08/2025
ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में दहेज हत्या के आरोप में गिरफ्तार आरोपी पति विपिन भाटी पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश में एनकाउंटर में घायल हो गया। पुलिस के अनुसार आरोपी को घटनास्थल पर सबूत बरामदगी के लिए ले जाया जा रहा था। इसी दौरान उसने पुलिस से पिस्टल छीनकर फायरिंग की और भागने लगा। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे पैर में गोली मार दी। आरोपी को घायल अवस्था में गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दहेज की मांग से शुरू हुई त्रासदी
मृतका के पिता भिखारी सिंह ने बताया कि उनकी बेटी की शादी दिसंबर 2016 में सिरसा गांव में हुई थी। शादी में स्कॉर्पियो गाड़ी और अन्य सामान दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद ससुराल पक्ष 35 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग करता रहा। इसके चलते बेटी को लगातार प्रताड़ित किया गया। कई बार पंचायत में समझौते की कोशिश हुई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। भिखारी सिंह का आरोप है कि उनकी बेटी को पति और सास ने मिलकर मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया।
पिता की मांग – फांसी और बुलडोजर कार्रवाई
पीड़िता के पिता ने कहा कि योगी सरकार छोटे अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर कर देती है, जबकि उनकी बेटी की हत्या कर दी गई है। उन्होंने मांग की कि आरोपी पति और ससुरालियों को फांसी की सजा मिले और उनके घर को बुलडोजर से ध्वस्त किया जाए। उन्होंने कहा – “हमारी बेटी को आग लगाते वक्त इन्हें जरा भी दया नहीं आई। ऐसे दरिंदों को जिंदा रहने का हक नहीं है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मामले पर कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश भर में महिलाएं असुरक्षित हैं और दहेज हत्या जैसे मामलों में अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों को संरक्षण मिलने के कारण वे इतने बेखौफ हैं।
पुलिस की कार्रवाई और मुकदमा दर्ज
ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि आरोपी पति विपिन भाटी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। मृतका के ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत मौजूद हैं और इस केस की जांच तेज गति से की जा रही है।
यह मामला एक बार फिर दहेज प्रथा की कड़वी सच्चाई और महिलाओं पर बढ़ते अपराधों को सामने ला रहा है। पीड़ित परिवार और समाज अब इंसाफ की मांग पर अडिग है।